
मुर्शिदाबाद, 08 अगस्त (Udaipur Kiran) । मुर्शिदाबाद के फरक्का बैराज के ऊपर शुक्रवार सुबह आसमान में भारतीय वायुसेना का एमआई-17 हेलिकॉप्टर मंडरा रहा था और नीचे गंगा की लहरों पर सेना, वायुसेना और आपदा प्रबंधन बल के जवान अपनी ताकत और फुर्ती का प्रदर्शन कर रहे थे।
मिली जानकारी के अनुसार, बैराज के ऊपर में हेलिकॉप्टर से तीन नावें गंगा में उतारी गईं। इसके बाद हेलिकॉप्टर से करीब आठ जवान नदी में कूद पड़े और तेज़ धाराओं को चीरते हुए नावों तक पहुंचे। साथ ही कई स्पीड बोट्स को लहरों को काटते हुए अलग-अलग घाटों की ओर जाते देखा गया। इस दौरान स्थानीय मछुआरों की नावों को सुरक्षा कारणों से दूर रखा गया।
अधिकारियों ने इस ‘विशेष अभ्यास’ की वजह का खुलासा नहीं किया है, जिससे फरक्का के लोगों के बीच तरह-तरह की चर्चाएं तेज हो गई हैं।
दरअसल, पिछले कुछ दिनों से मुर्शिदाबाद, झारखंड और बिहार में भारी बारिश हुई है, जिसके कारण गंगा का जलस्तर फरक्का बैराज के पास खतरे के करीब पहुंच गया है। ऐसे में बरसात के मौसम में सेना और आपदा प्रबंधन बल का यह संयुक्त अभ्यास सुरक्षा की दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है।
गौरतलब है कि 2240 मीटर लंबे फरक्का बैराज का निर्माण 1975 में पूरा हुआ था और इसके 109 गेट्स के जरिए गंगा का जल प्रवाह भारत और बांग्लादेश की ओर नियंत्रित किया जाता है। पश्चिम बंगाल को भी इसी बैराज के फीडर नहर से सालभर गंगा का पानी मिलता है।
शुक्रवार को हुए इस मॉक ड्रिल ने न सिर्फ स्थानीय लोगों को हैरान किया, बल्कि बैराज की रणनीतिक और सुरक्षा महत्व को भी एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया है।
(Udaipur Kiran) / अनिता राय
