
भोपाल, 25 जून (Udaipur Kiran) । आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ आज बुधवार को है, जिसे संविधान हत्या दिवस के रूप में देश भर में याद किया जा रहा है। मध्यप्रदेश में भी इसे याद किया जा रहा है, यहां आज से आगामी 25 जून 2026 तक पूरे एक वर्ष तक विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। केन्द्रीय संस्कृति मंत्रालय ने आयोजन के संबंध में निर्देश जारी किये हैं। इसी के अनुपालन में आज से संविधान एवं लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के जनजागरण के प्रति समर्पित एक वर्षीय अभियान शुरू हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि भारत में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरागांधी द्वारा तत्कालीन समय 25 जून 1975 को लागू आपातकाल लोकतंत्र के इतिहास का सबसे काला अध्याय माना जाता है। इस दौरान केन्द्रीय सत्ता द्वारा नागरिक स्वतंत्रता का निलंबन, मौलिक अधिकारों का हनन, संवैधानिक प्रावधानों की उपेक्षा और दमनकारी कार्यवाहियाँ चरम पर थीं। यह परस्थिति देश में पुन: न आएं, इसलिए इस दिन को हर साल याद किया जाता है। अत: गृह मंत्रालय द्वारा आपातकाल लागू होने की तिथि को संविधान हत्या दिवस के रूप में 11 जुलाई 2024 को अधिसूचित किया गया है।
आज से प्रदेश भर में संविधान हत्या दिवस से वर्ष भर होने वाले आयोजनों के अंतर्गत केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के निर्देश पर केन्द्र सरकार द्वारा निर्मित विशेष फिल्मों का प्रदर्शन और प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाएगा। मुख्यकार्यक्रम राजधानी भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर समेत राज्य के सभी संभागीय केंद्रों से शुरू हो रहा है। इंदौर और 26 जून को भोपाल में लोकतंत्र सेनानियों की उपस्थिति में संविधान हत्या दिवस कार्यक्रमों में भागीदारी करेंगे।
इसके साथ ही प्रदेश के सभी जिलों में युवाओं, विद्यार्थियों, प्रबुद्धजनों और जनप्रतिनिधियों की भागीदारी से संगोष्ठियाँ, संवाद, निबंध प्रतियोगिता, रैलियाँ और अन्य गतिविधियाँ संचालित की जाएंगी। इससे लोकतांत्रिक चेतना का विस्तार हो सकेगा। यह एक वर्षीय आयोजन आपातकाल की ऐतिहासिक त्रासदी की दुखद अनुभूतियों के दृष्टिगत सांविधानिक नैतिकता और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति नवीन प्रतिबद्धता का सशक्त प्रतीक बनेगा।
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(Udaipur Kiran) / डॉ. मयंक चतुर्वेदी
