मुंबई, 10 नवंबर (Udaipur Kiran) — यह देखा गया है कि ठाणे जिले सहित मुंबई संभाग के विभिन्न जिलों में दिव्यांगजनों के क्षेत्र में कार्यरत कई संस्थाएँ सरकारी पंजीकरण के बिना काम कर रही हैं। इस पृष्ठभूमि मेंठाणे जिला परिषद के , दिव्यांग कल्याण विभाग ने ऐसे संस्थाओं के विरुद्ध कानून के अनुसार जल्द ही कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
आज ठाणे जिला परिषद की ओर से बताया गया है कि ठाणे जिलों में कार्यरत दिव्यांग संगठनों के लिए 30 नवंबर, 2025 तक पंजीकरण प्रक्रिया पूरी करना अनिवार्य है और सभी दिव्यांग संगठनों को पंजीकरण पूरा करना चाहिए, समाज कल्याण विभाग प्रमुख उज्ज्वला सपकाले ने अपील की है।
दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 की धारा 51 और 52 के अनुसार, दिव्यांगजनों के क्षेत्र में कार्यरत सभी संस्थाओं को सरकार के पास पंजीकरण कराना अनिवार्य है।
राज्य सरकार ने इस अधिनियम के अंतर्गत दिव्यांगजन कल्याण आयुक्त को सक्षम प्राधिकारी घोषित किया है। उनके माध्यम से ही संस्थाओं को पंजीकरण प्रमाणपत्र प्रदान किया जाता है।
चूँकि इस पंजीकरण के बिना संचालन करना कानून का उल्लंघन है, इसलिए ऐसी संस्थाओं के विरुद्ध धारा 91 के अंतर्गत दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है।ठाणे जिला परिषद के समाज कल्याण विभाग की प्रमुख उज्ज्वला सपकाले ने कहा, ठाणे जिले में दिव्यांगजनों के पुनर्वास, शिक्षा और सशक्तिकरण के लिए कार्यरत सभी संस्थाओं को अपना पंजीकरण पूरा कर लेना चाहिए। बिना पंजीकरण के संचालन करना एक गंभीर कदाचार है। इसलिए संबंधित संस्थाओं को 30 नवंबर, 2025 से पहले जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी कार्यालय में अपने प्रस्ताव प्रस्तुत करने चाहिए, अन्यथा कार्रवाई से बचा नहीं जा सकता।
पंजीकरण के लिए संस्थाओं को संबंधित जिले के दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी कार्यालय से संपर्क करना चाहिए। प्रस्ताव के साथ संस्था के पंजीकरण दस्तावेज, कार्य का विवरण, लाभार्थियों की जानकारी और सरकारी नियमों के अनुसार आवश्यक दस्तावेज संलग्न करें।
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(Udaipur Kiran) / रवीन्द्र शर्मा