Uttar Pradesh

चीनी मिलों में कार्यरत कर्मियों को आधुनिक तकनीक से चीनी निर्माण से दिया जाएगा परीक्षण : सीमा परोहा

कार्यक्रम के दौरान जाकारी देती निदेशक सीमा परोहा का छाया चित्र

कानपुर, 05 अगस्त (Udaipur Kiran) । चीनी मिलों में कार्यरत कर्मियों की तकनीकी कुशलता को बढ़ावा देना, उनको आधुनिक तकनीकों से परिचित करवाने, चीनी मिलों के संचालन में सुधार करने और चीनी निर्माण सुविधाओं में गुणवत्ता का बेहतर पालन सुनिश्चित करना है। प्रशिक्षण में कई महत्वपूर्ण विषयों को शामिल किया जाएगा, जिसमें गन्ने के उत्पादन में उचित संतुलन बनाए रखते हुए फसलों की प्रभावी निगरानी और रेटून चक्रों का प्रबंधन करना भी शामिल है। यह जानकारी मंगलवार को राष्ट्रीय शर्करा संस्थान की निदेशक सीमा परोहा ने दी।

मेसर्स डालमिया भारत शुगर एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड के 16 कार्यकारी अधिकारियों के लिए तीन दिवसीय कस्टमाइज्ड ट्रेनिंग प्रोग्राम का शुभारंभ किया गया। संस्थान की निदेशक प्रो.सीमा परोहा ने दीप प्रज्जवलन एवं मां सरस्वती को माल्यार्पण कर कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत की।

इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य

प्रतिभागियों को आधुनिक इथेनॉल उत्पादन की विधियों, वाष्पीकरण प्रौद्योगिकी में वर्तमान विकास के बारे में तथा भाप की खपत को कम करने में मदद करने संबंधी विधियों से परिचित करवाना है। चीनी निर्माण प्रक्रिया में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) को कैसे एकीकृत किया जा रहा है। इस पर विशेष सत्र आयोजित किया जायेगा। इसके अतिरिक्त, कार्यक्रम में विशेष चीनी उत्पादों के उत्पादन के लिए मिलिंग उपकरण और तकनीकों में नवीनतम प्रगति का पता लगाने संबंधी विषयों पर भी विषय विशेषज्ञों द्वारा सारगर्भित जानकारी दी जायेगी। समारोह में जानकारी देते हुये संस्थान की निदेशक प्रो.सीमा परोहा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि संस्थान में उपलब्ध तकनीकी ज्ञान से शर्करा एवं संबद्ध उद्योग को वास्तव में कैसे लाभान्वित किया जाता है। शर्करा उद्योग और चीनी मिलों को आपस में जोड़े रखने के लिये संस्थान कैसे काम करता है। उन्होंने उल्लेख किया कि यह साझेदारी पेशेवरों के बीच बेहतर कौशल विकसित करने और अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करते हुए चीनी उद्योग के विस्तार का समर्थन करने में मदद करेगी।

कार्यक्रम के संयोजक विवेक प्रताप सिंह, कनिष्ठ तकनीकी अधिकारी (शर्करा शिल्प) ने बताया कि यह विशिष्ट प्रशिक्षण कार्यक्रम चीनी उत्पादन और संबंधित उद्योगों के सामने आने वाली वर्तमान समस्याओं और संभावनाओं का गहनतापूर्वक अध्ययन करने के उपरांत तैयार किया गया है, जिसका लाभ प्रशिक्षणार्थियों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि संस्थान का यह प्रयास कर्मियों के तकनीकी कौशल में सुधार, गुणवत्ता मानकों को बढ़ाने और भारत के चीनी क्षेत्र में सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए उनके संयुक्त समर्पण को दर्शाता है। ब्रजेश सिंह, तकनीकी अधिकारी (इंस्ट्रूमेंटेशन) ने कार्यक्रम के आयोजन में विशेष सहयोग दिया।

(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप

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