West Bengal

झाड़ियों से खेतों तक दंगल : झारग्राम में दांताल हाथियों का आतंक

गांव में आए हाथी
झाड़ग्राम में हाथी झुंड
झाड़ग्राम हाथी
हाथी का तांडव झाड़ग्राम

झाड़ग्राम, 25 सितम्बर (Udaipur Kiran News) ।

झाड़ग्राम जिले के बालीभाषा जंगल से निकलकर लगभग 30 से 35 दांताल हाथियों का झुंड बुधवार शाम स्थानीय आबादी वाले क्षेत्रों में घुस आया। हाथियों ने खेतों व धान के खलिहानों में जमकर उत्पात मचाई, जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। कई किसानों की फसलें बर्बाद हो गईं और लोग अपने घर-आंगन छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर जाने को विवश हुए।

स्थानीय लोगों के अनुसार अचानक हाथियों का झुंड गांव की ओर बढ़ आया। हाथियों ने बेफिक्री से खेतों में प्रवेश किया और खड़ी फसलों को रौंद डाला। खलिहानों में रखा अनाज भी नुकसानग्रस्त हुआ। ग्रामीणों ने बताया कि हाथियों को देखकर लोग घरों में छिप गए और अपनी फसलों की रक्षा करने में असमर्थ रहे।

पश्चिम बंगाल के दक्षिण-पश्चिमी हिस्सों, विशेषकर झाड़ग्राम व आसपास के क्षेत्रों में पिछले कुछ वर्षों से मानव–हाथी टकराव होते रहे हैं। जंगलों में भोजन की कमी, पारम्परिक रास्तों का टूटना और आवासीय इलाकों का विस्तार इसके प्रमुख कारण माने जाते हैं। यही वजह है कि हाथी आए दिन गांवों की ओर रुख करते हैं।

वन विभाग की ओर से हुल्ला-दल, निगरानी कैमरे और रैपिड रिस्पॉन्स टीम जैसी व्यवस्थाएं की गई हैं, किंतु घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं।

प्रभावित गांवों में दहशत का माहौल है। किसान खेतों में रात बिताने से कतराने लगे हैं। फसलों का भारी नुकसान हुआ है। हालांकि, जिला प्रशासन और वन विभाग के अधिकारी मौके पर हालात को काबू में करने की कोशिश कर रहे हैं। अभी तक किसी प्रकार की आधिकारिक क्षति-आकलन रिपोर्ट सामने नहीं आई है।

वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि जंगलों में प्राकृतिक खाद्य स्रोतों की कमी और फसल मुआवजे की अपर्याप्त व्यवस्था इस समस्या को और जटिल बना रही है। उनका सुझाव है कि दीर्घकालिक समाधान के लिए सुरक्षित कॉरिडोर, चारे की पट्टियां (फॉडर बेल्ट), तकनीकी अलर्ट प्रणाली और समुदाय आधारित पहल को बढ़ावा देना होगा।

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(Udaipur Kiran) / अभिमन्यु गुप्ता

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