Assam

बाक्सा में तनाव: पुलिस वाहन पर पत्थरबाजी, पुलिस कर्मी घायल

असमः बाक्सा जेल के बाहर उत्तेजनापूर्ण माहौल का दृश्य

बाक्सा (असम), 15 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । बुधवार शाम बाक्सा जिले में उस समय तनाव फैल गया जब पुलिस ने गायक जुबीन गर्ग की मौत के मामले में गिरफ्तार कार्यक्रम आयोजक श्यामकानु महंत और प्रबंधक सिद्धार्थ शर्मा को न्यायिक हिरासत के लिए जेल भेजा।

सूत्रों के अनुसार, जैसे ही पुलिस का काफिला बाक्सा जेल के पास पहुंचा, भीड़ ने हिंसक रूप ले लिया। आक्रोशित लोगों ने पुलिस पर पथराव किया और एक पुलिस वाहन को क्षतिग्रस्त कर दिया। हालात काबू में करने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर आंसू गैस के गोले दागे।

इस हमले में एक महिला पुलिस ऑफिसर घायल हो गई, जबकि एक पुलिस गाड़ी के शीशे टूट गए। इस दौरान घटनास्थल को कवर कर रहे पत्रकार बंजित कलिता घायल हो गए। कई पुलिसकर्मी भी स्थिति संभालने के प्रयास में घायल हुए और कुछ ने जान बचाने के लिए पुल के नीचे शरण ली।

बाक्सा जेल परिसर के बाहर माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। पुलिस और अर्धसैनिक बलों की अतिरिक्त टुकड़ियां तैनात की गई हैं ताकि स्थिति पर नियंत्रण रखा जा सके।

महंत और शर्मा के साथ, बाकी तीन आरोपित, संदीपन गर्ग, नंदेश्वर बोरा और परेश बैश्य को भी हाई-सिक्योरिटी वाली जगह पर रखा गया है। अब सभी पांचों को नए अपग्रेड किए गए जेल परिसर में कड़ी निगरानी और खास सुरक्षा व्यवस्था में रखा गया है।

जिले के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि स्थिति तनावपूर्ण लेकिन कंट्रोल में है, और आगे अशांति रोकने के लिए जेल परिसर और उसके आसपास अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं।

उल्लेखनीय है कि सीआईडी हिरासत की 14 दिनों की रिमांड समाप्त होने के बाद आज गुवाहाटी के सीजेएम कोर्ट में पांचों आरोपितों को पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इस दौरान आरोपितों को गुवाहाटी जेल में रखे जाने को लेकर जान का खतरा बताते हुए बाक्सा में बनी नई जेल में पांचों को रखने का निर्णय लिया गया। बाक्सा जेल में अभी तक किसी भी कैदी को नहीं रखा गया है। आरोपितों की सुरक्षा की दृष्टि से बाक्सा जेल को चुना गया है।

हालांकि, मीडिया के जरिए जैसे ही लोगों को इस बात की जानकारी मिली की जुबीन गर्ग की मौत के पांचों आरोपितों को बाक्सा जेल में ले जाया जा रहा है, वैसे ही लोगों का हुजूम जेल के बाहर इक्ट्ठा होने लगा। जिसमें महिला-पुरुष दोनों शामिल थे। लोगों का कहना है कि आरोपितों को आम जनता के हाथों में सौंप देना चाहिए, ताकि तुरंत न्याय किया जाए।

(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश

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