
रांची, 07 जुलाई (Udaipur Kiran) । भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने झारखंड सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि जब देशभर में शासन व्यवस्था में सुधार और नवाचार हो रहे हैं, तब हेमंत सरकार में भ्रष्टाचार के नए-नए तरीके ईजाद किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि टेंडर सेटिंग को लेकर बड़े पैमाने पर खेल हो रहा है। जहां एक मंत्री पहले से ही टेंडर कमीशन घोटाले में जेल में है, वहीं अब एक और टेंडर घोटाले का सामने आना चौंकाने वाला और हैरान करने वाला है।
अजय ने आरोप लगाया कि पिछले पांच वर्षों से गृह विभाग में बड़े पैमाने पर टेंडर घोटाले हो रहे हैं और सरकार ने एक संगठित सिंडिकेट को पनपने का खुला मौका दिया है। उन्होंने बताया कि पहले से मिलीभगत रखने वाली कंपनियों को तकनीकी रूप से योग्य घोषित किया जाता है और फिर एक तयशुदा गिरोह को मनमाने दर पर ठेके दिए जाते हैं। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि टेंडर संख्या (JEM/2022/B/2317532) में 23 में से 20 कंपनियों को तकनीकी कारणों से बाहर कर दिया गया।
अजय ने खुलासा किया कि जांच के दौरान यह सामने आया कि टेंडर (GEM/2022/B/2498791) सहित कई मामलों में तीन ही कंपनियों को टेंडर दिए जा रहे हैं। कोलकाता की जे.सी. माइकल, पटना की अरिहंत कॉर्पोरेशन और दिल्ली की लाइफलाइन सिक्योरिटी। इन तीनों कंपनियों के डायरेक्टर या पार्टनर आपस में जुड़े हुए हैं। जेसी माइकल के डायरेक्टर चिराग जैन हैं, जो अरिहंत ट्रेडिंग के भी प्रोप्राइटर हैं। वहीं जितेंद्र कोचर जेसी माइकल और लाइफलाइन सिक्योरिटी दोनों के डायरेक्टर हैं। इससे स्पष्ट है कि गृह विभाग और ठेकेदारों के बीच एक गहरा गठजोड़ बना हुआ है और यह केवल गठजोड़ नहीं बल्कि आपराधिक आचरण का मामला है।
अजय ने कहा कि गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस के नियमों के अनुसार एक ही व्यक्ति दो अलग-अलग फर्म बनाकर टेंडर में हिस्सा नहीं ले सकता। यह स्पष्ट रूप से नियमों का उल्लंघन और एक अपराध है। हैरानी की बात यह है कि जो विभाग पूरे राज्य की निगरानी करता है, उसी में यह घोटाला हो रहा है और पकड़ में नहीं आ रहा। अजय ने जोर देकर कहा कि चूंकि गृह विभाग सीधे मुख्यमंत्री के अधीन आता है, इसलिए इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच तभी संभव है जब इसकी जांच सीबीआई या अदालत की निगरानी में कराई जाए।
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(Udaipur Kiran) / विकाश कुमार पांडे
