RAJASTHAN

खेत में पहुंचा दस फीट लंबा 150 किलो वजनी मगरमच्छ, दो घंटे में किया रेस्क्यू

चित्तौड़गढ़ के गंगरार उपखंड क्षेत्र में गांव के निकट पहुंचे मगरमच्छ को किया सुरक्षित रेस्क्यू।

चित्तौड़गढ़, 20 जून (Udaipur Kiran) । अभी बरसात की शुरुआत है तथा नदी व नाले सूखे पड़े हैं। इससे मगरमच्छ जैसे जलीय जीव जलाशयों से निकल कर आबादी एवं खेतों तक पहुंच रहे हैं। ऐसा ही मामला जिले में गंगरार तहसील के सेमलिया गांव में दिखा। गांव में उस समय हड़कंप मच गया जब गांव के बाहर एक खेत के पास ग्रामीणों ने करीब 10 फीट लंबे मगरमच्छ को देखा। इस विशालकाय मगरमच्छ को देख ग्रामीणों में दहशत का माहौल बन गया। बाद में रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची। टीम ने दो घंटे की मशक्कत के बाद मगरमच्छ को रेस्क्यू कर सुरक्षित छोड़ा।

जानकारी में सामने आया कि गंगरार तहसील के सेमलिया गांव में शाम करीब छह बजे एक खेत के पास मगरमच्छ दिखाई दिया। इसकी सूचना गांव में पहुंचते ही वहां ग्रामीणों की भारी भीड़ एकत्रित हो गई। मगरमच्छ को लेकर ग्रामीणों में भय व उत्सुकता दोनों दिखाई दी। ग्रामीणों ने इतना बड़ा मगरमच्छ पहली बार नजदीक से सामने देखा। मगरमच्छ का विशालकाय आकर देख ग्रामीणों में भय का माहौल बन गया और अफरा तफरी मच गई। इसकी सूचना तुरंत वन विभाग और वन्य जीव प्रेमी मनीष तिवारी को दी गई। सूचना पर उपवन संरक्षक राहुल झांझरिया के निर्देश पर वन विभाग की एवं तिवारी के निर्देश पर वन्य जीव प्रेमी पियूष कांबले , रामकुमार साहू की टीम मौके पर पहुंची। यहां वन विभाग एवं वन्य जीव प्रेमियों की संयुक्त टीम ने करीब 2 घंटे की मशक्कत के बाद मगरमच्छ को काबू पाया। बाद में उसका सुरक्षित रेस्क्यू किया। वन्य जीव विशेषज्ञ मनीष तिवारी ने बताया कि यह मगरमच्छ 10 फीट लंबा एवं लगभग 150 किलो वजन का होकर पूर्ण रूप से वयस्क मगरमच्छ है। आशंका है कि मगरमच्छ बेड़च नदी से रास्ता भटक कर गांव के नजदीक आ गया। रेस्क्यू के बाद पियूष कांबले ने ग्रामीणों को वन्य जीवों के महत्व एवं पर्यावरण संतुलन में उनकी भूमिका के बारे में जागरूक किया। उन्होंने बताया कि वन्य जीव हमारे पारिस्थितिकी तंत्र के अभिन्न अंग हैं। हमें उनसे डरने के बजाय उनके संरक्षण की दिशा में कदम उठाने चाहिए।

रेस्क्यू किए गए मगरमच्छ को पुनः उसके नैसर्गिक आवास बस्सी डेम में छोड़ दिया गया। इस पूरे ऑपरेशन में पियूष और राम कुमार के साथ वन विभाग के नाथू सिंह, भगवान लाल गायरी, शंकरलाल जाट, शंभूलाल तेली आदि उपस्थित थे।

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(Udaipur Kiran) / अखिल

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