Madhya Pradesh

हरदा: गैर न्यायिक और न्यायिक कार्य विभाजन को लेकर तहसीलदारों की काम बंद हड़ताल

शासन की निर्णय गैर न्यायिक और न्यायिक कार्य विभाजन का विरोध

हरदा, 7 अगस्त (Udaipur Kiran) । तहसीलदारों के मध्य शासन द्वारा न्यायिक तथा गैर न्यायिक कार्यों के विभाजन को लेकर कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ आव्हान पर दूसरे दिन गुरूवार को हरदा जिले के राजस्व अधिकारी भी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए इसके तहत हरदा जिले के तहसीलदार और नायब तहसीलदारों ने अपने अधिकृत डिजिटल सिग्नेचर डोंगल को भी जमा कर दिए ।

राजस्व कार्यों के लिए मिले डोंगल और वाहन जमा किए

अपने शासकीय वाहनों को जिला मुख्यालय में खड़ा कर दिए. इस संबंध में कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के जिलाध्यक्ष राजेंद्र पवार ने बताया कि सरकार द्वारा राजस्व के कार्यों को न्यायिक तथा गैर न्यायिक कार्यों में विभाजित करना ना तो व्यावहारिक है और ना ही तहसीलदार के पदेन के अनुकूल है सरकार को इसे तत्काल वापस लेना चाहिए। मध्य प्रदेश के तहसीलदार और नायब तहसीलदारों ने बुधवार 6 अगस्त से काम बंद कर दिया है, लेकिन ना यह हड़ताल पर है और ना ही अवकाश पर, लेकिन काम नहीं करेंगे। केवल इस दौरान आपदा प्रबंधन वाले काम ही करेंगे। इस फैसले से हरदा सहित पूरे प्रदेश में काम ठप हो जाएंगे। इस दौरान प्रांताध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह चौहान और जिलाध्यक्ष राजेेंद्र पवार ने कहा कि हम ना हड़ताल पर हैं और ना ही सामूहिक अवकाश पर, लेकिन हमारी जो मांग है उसे लेकर काम से विरत रहेंगे।

मांगों को लेकर दिया था पूर्व में पत्र

श्री पवार ने कहा कि हम लोग मध्य प्रदेश राजस्व अधिकारी कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ जिला इकाई हरदा द्वारा विरेन्द्र उइके, आशीष मिश्रा, भगवानदास तमखानिया(अनुभाग हरदा), श्रीमति लवीना घागरे, देवराम निहरता, श्रीमति प्रिंसी जैन, विजय साहु (अनुभाग खिड़किया), श्रीमति श्वेता बम्हौरे, रमेश सिसोदिया, देवशंकर धुर्वे और श्रीमति रश्मि धुर्वे (अनुभाग टिमरनी) का कहना है कि जब तक हमारी मांग नहीं मानी जाती, यह फैसला जारी रहेगा। हमारी मांग है कि जो शासन ने निर्णय लिया है कि गैर न्यायिक और न्यायिक काम का विभाजन उसका विरोध है। यह विरोध लोकतंत्रिक रूप से किया जा रहा है। यह विभाजन गलत किया है, इससे विभाजन से हमारे संवर्ग के आधे लोगों को उनके मूल राजस्व कार्य से अलग किया जा रहा है। इसका ही विरोध है। श्री पवार ने कहा कि जब तक हमारी मांग नहीं मानी जाती, हम लोगों का यह फैसला जारी रहेगा। प्रांतस्तर, जिलास्तर पर हर जगह हमने अपनी बात पहुंचाई है और पहले भी मांगों को लेकर पत्र दिया था और बता दिया था कि 6 अगस्त में इस फैसाले का विरोध करेंगे और काम से विरत रहेंगे।

80 फीसदी काम तहसील से ही जुड़े

उल्लेखनीय है कि कलेक्टोरेट में मुख्य काम राजस्व का होता है और 80 फीसदी काम तहसीलदार और नायब तहसीलदारों के पास ही होते हैं। इनके काम से हटने से हर दिन सैकड़ों आवेदक परेशान होंगे। वहीं कलेक्टर, अपर कलेक्टर और एस.डी.एम. द्वारा भी इनके जरिए अधिक काम कराए जाते हैं, मैदानी एक्जीक्यूशन इन्हीं के जरिए होता है, ऐसा नहीं होने से अधिकांश प्रसासनिक संकु ल ठप होगा। राजस्व अधिकारियों के न्यायिक और गैर न्यायिक विभाजन को लेकर बुधवार से विरोध हो रहा है। तहसीलदार और नायब तहसीलदार आपदा प्रबंधन को छोड़ अन्य कोई काम नहीं कर रहे हैं।

——————-

(Udaipur Kiran) / Pramod Somani

Most Popular

To Top