Madhya Pradesh

मध्य प्रदेश में तहसीलदारों की हड़ताल हुई खत्म, मंगलवार से काम पर लौटेंगे

राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव विवेक पोरवाल की बैठक

भोपाल, 18 अगस्त (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री मोहन यादव कैबिनेट के न्यायिक और गैर न्यायिक विभाजन के फैसले के विरोध में गत 6 अगस्त से राजस्व का काम बंद करने वाले तहसीलदार और नायब तहसीलदारों ने अपनी अनिश्चतकालीन हड़ताल खत्म कर दी है। राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव और आयुक्त के साथ हुई चर्चा के बाद मप्र कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी (राजस्व अधिकारी) संघ ने काम पर लौटने का निर्णय लिया है। दो घंटे तक चली बैठक के बाद तहसीलदारों की तकनीकी मांगों को स्वीकार करते हुए राजस्व विभाग ने संशोधित आदेश भी जारी कर दिया है।

तहसीलदार मंगलवार से काम पर लौटेंगे और तहसील न्यायालयों में सुनवाई करने के साथ ही राजस्व संबंधी सभी मामलों को देखेंगे। छह अगस्त से शुरू हुई कलमबंद हड़ताल के चलते राजधानी की तहसीलों में करीब छह हजार से अधिक प्रकरण लंबित हो गए हैं। अब इनका निराकरण करने तहसीलदारों के लिए बड़ी चुनौती रहेगा।

मप्र राजस्व अधिकारी (कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा) संघ के प्रतिनिधि मंडल के साथ सोमवार को राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव विवेक पोरवाल की बैठक हुई। इसमें विभाग की ओर न्यायिक व गैर न्यायिक कार्य विभाजन संबंधी दिशा-निर्देश जारी किए गए। इसमें कलेक्टर पहले की तरह कसी भी राजस्व अधिकारियों के मध्य कार्य का अंतरण कर सकते हैं। कोई एक अधिकारी किसी भी राजस्व संबंधी कार्य लंबे समय तक नहीं करने सहित अन्य दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इस पर कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ का प्रतिनिधि मंडल राजी हो गया और मंगलवार से राजस्व संबंधी कार्य शुरू करने का निर्णय ले लिया।

संघ के प्रांताध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि शासन ने न्यायिक व गैर न्यायिक कार्य का विभाजन कर दिया था। जैसे जो राजस्व अधिकारी न्यायिक कार्य करेंगे, वे गैर-न्यायिक कार्य नहीं कर सकेंगे। इसी तरह जो अधिकारी गैर न्यायिक कार्य करेंगे, वे न्यायिक कार्य नहीं करेंगे। इसी के विरोध के चलते छह अगस्त से तहसीलदार व नायब तहसीलदार राजस्व संबंधी कार्य नहीं कर रहे थे। सिर्फ आपदा प्रबंधन का काम देख रहे थे। अब कुछ दिशा-निर्देशों के साथ शासन हमारी मांग मानने को राजी हो गया है, इसलिए राजस्व संबंधी काम करने का निर्णय लिया है।

बैठक में इन प्रमुख बिंदुओं पर बनी सहमति

संघ के पदाधिकारियों और अफसरों के मुताबिक दो घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में जिन बिंदुओं पर सहमति बनी है उसमें न्यायिक और गैर न्यायिक शब्दावली में बदलाव किया जाएगा। संघ का प्रस्ताव है कि गैर न्यायिक शब्द हटाया जाए जिसके स्थान पर कार्यपालिक दंडाधिकारी शब्द का उपयोग किया जाएगा। इस पर शासन ने सहमति दी है। जिलों में अभी लागू की गई व्यवस्था में जिला मुख्यालय में पदस्थ और फील्ड में पदस्थ तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों की संख्या पर की गई आपत्ति को भी शासन ने बदलने पर सहमति दी है जिसके लिए कलेक्टरों से अभिमत लेकर संख्या तय की जाएगी। राजस्व अधिकारियों ने रेवेन्यू कोर्ट के मर्जर का विरोध किया जिस पर आश्वस्त किया गया है कि कोर्ट का मर्जर नहीं किया जाएगा।

तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों के ग्रेड पे को लेकर उठाए गए मुद्दे पर सोमवार को हुई मीटिंग में कोई सहमति नहीं बन सकी है और इसके लिए अलग से चर्चा करने की बात शासन के अफसरों ने की है। राजस्व अधिकारी संघ ने अपनी मांगों को लेकर राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा को भी ज्ञापन सौंपा है। राजस्व अधिकारी संघ ने अपनी मांगों को लेकर राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा को भी ज्ञापन सौंपा है।

राज्य शासन के अफसरों के अनुसार राजस्व अधिकारी संघ के पदाधिकारियों ने चर्चा के बाद प्रमुख सचिव पोरवाल को आश्वस्त किया है कि वे 6 अगस्त से बंद काम चालू कर देंगे। इस मामले में जब संघ के पदाधिकारियों से चर्चा की गई तो वरिष्ठ उपाध्यक्ष नवीन कुंभकार ने बताया कि रेवेन्यू के काम के अलावा सारे काम करेंगे। जब शासन की ओर से दिए गए आश्वासन के आधार पर संशोधित आदेश जारी हो जाएगा तो काम पर लौट आएंगे। इनके अनुसार संशोधित आदेश सोमवार देर शाम तक जारी हो सकते हैं।

प्रमुख सचिव पोरवाल ने संघ के पदाधिकारियों से चर्चा के बाद मुख्य सचिव अनुराग जैन से मिलकर उन्हें संघ की मांगों को लेकर बनी सहमति के बारे में जानकारी दी है। मुख्य सचिव जैन की अनुमति के बाद ही राजस्व विभाग इस मामले में संशोधित आदेश जारी करेगा।

(Udaipur Kiran) तोमर

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