


जयपुर, 27 जुलाई (Udaipur Kiran) । हरियाली तीज के पावन अवसर पर राजस्थान पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय तीज महोत्सव-2025 का आज भव्य शुभारंभ हुआ। पारंपरिक रंगों, लोक कलाओं और श्रद्धा से सजी तीज माता की शोभायात्रा ने जयपुरवासियों सहित देशी-विदेशी पर्यटकों को भावविभोर कर दिया।
शोभायात्रा सिटी पैलेस के जनानी ड्योढ़ी से प्रारंभ होकर त्रिपोलिया गेट, छोटी चौपड़, चौगान स्टेडियम होते हुए तालकटोरा पोंड्रिक पार्क तक पहुँची। राज्यपाल हरिभाऊ बागडे की गरिमामयी उपस्थिति में छोटी चौपड़ पर महाआरती का आयोजन हुआ। उपमुख्यमंत्री एवं पर्यटन, कला एवं संस्कृति मंत्री दीया कुमारी ने तीज माता की आरती कर वातावरण को आध्यात्मिक आभा से भर दिया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, राज्य सरकार के मंत्रीगण, सांसद, विधायकगण, वरिष्ठ अधिकारी, मीडिया प्रतिनिधि, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स एवं बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे।
शोभायात्रा में कच्छी घोड़ी, गैर, कालबेलिया, चरी नृत्य, बहुरूपिया, कठपुतली नृत्य जैसी पारंपरिक प्रस्तुतियाँ शामिल रहीं। शाही बग्घियाँ, सजे-धजे ऊँट, हाथी, बैलगाड़ियाँ और घोड़े पारंपरिक राजस्थानी श्रृंगार में विशेष आकर्षण का केंद्र रहे। करीब 200 लोक कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत को सजीव किया। जयपुर के प्रसिद्ध कठपुतली कलाकार राजू भाट, नागौर के तेजपाल नागौरी और अंतरराष्ट्रीय सपेरा पूरणनाथ जैसे कलाकारों ने जनमानस को अपनी लोककला से अभिभूत किया।
महिलाओं की लहरिया साड़ियों में सजी झांकियाँ, सिर पर कलश लिए नृत्य करती महिलाओं की टोली, और महिला पंडितों द्वारा संपन्न तीज माता पूजन ने इस आयोजन को विशेष गरिमा प्रदान की। इस भव्य आयोजन का सीधा प्रसारण विभिन्न टीवी चैनलों के माध्यम से किया गया, साथ ही राज्यभर में 200 स्थानों पर बड़ी स्क्रीन लगाकर आमजन को कार्यक्रम से जोड़ा गया।
उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने प्रदेशवासियों को दी तीज की शुभकामनाएं देते कहा कि तीज महिलाओं का विशेष पर्व है। तीज परंपरा, श्रद्धा और उत्सव का प्रतीक है। तीज माता की सवारी सदियों से निकलती हुई आ रही है। यह हमारी संस्कृति की पहचान है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सीजन टूरिज्म के हिसाब से ऑफ सीजन होता है। अभी टूरिस्ट सीजन नहीं है लेकिन हमारा प्रयास कि ऑफ सीजन में भी पर्यटक आए।
उत्तराखंड पर्यटन मिनिस्टर सतपाल महाराज ने कहा कि हमारी देवभूमि है और यह छोटी काशी है, दोनों के बीच बहुत गहरा संबंध है। हमारे उत्तराखंड की पार्वती माता है और राजस्थान में उन्हें तीज माता के रूप में पूजा जाता है। राजस्थान की परंपरा संस्कृति बहुत ही अच्छी है। आज वीरता और शौर्य की झांकी देखने को मिली। झांकी देखने के साथ ही तीज माता की पूजा करने का सौभाग्य मिला। यही विशेषता है कि राजस्थान में देश-विदेश से पर्यटक आते हैं।
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(Udaipur Kiran)
