
मुंबई 7 नवंबर ( हि. स.)। जिला कलेक्टर डॉ. श्रीकृष्ण पांचाल (भा.पु.से.) की अध्यक्षता में 06 नवंबर, 2025 को जिला कलेक्टर कार्यालय के समिति कक्ष में “जिला पोषण अभिसरण समिति” एवं “कुपोषण उन्मूलन कार्यबल” की संयुक्त बैठक आयोजित की गई।इस बैठक में प्राप्त रिपोर्ट से ज्ञात हुआ कि विगत वर्ष की तुलना में जिले में कुपोषण की दर में कमी आई है।
ठाणे जिला सूचन प्रसारण विभाग की ओर से आज बताया गया है कि इस बैठक में जिला शल्य चिकित्सक ठाणे, जिला स्वास्थ्य अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी (महिला एवं बाल विकास विभाग) संजय बागुल, नोडल अधिकारी (ठाणे शहरी) संतोष भोसले, सभी बाल विकास परियोजना अधिकारी (शहरी एवं ग्रामीण), जिला परिषद ठाणे, विभिन्न नगर निगमों के चिकित्सा अधिकारी, शिक्षा विभाग, खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग, साथ ही आरबीएचके प्रतिनिधि और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में जिला कलेक्टर डॉ. पांचाल ने ठाणे जिले की वर्तमान पोषण स्थिति की विस्तृत समीक्षा की। बैठक में एक संतोषजनक तस्वीर प्रस्तुत की गई कि ठाणे जिले के 3,561 आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से नियमित रूप से 100 प्रतिशत पूरक पोषण वितरित किया जा रहा है। रिपोर्टों से यह स्पष्ट हुआ कि इस पहल के कारण पिछले वर्ष की तुलना में कुपोषण की दर में कमी आई है।
इन सफल प्रयासों के बाद भी, जिला कलेक्टर ने पोषण प्रणाली के स्थायी प्रभाव के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की क्षमता विकसित करने हेतु विशेष प्रयासों की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
बैठक के दौरान, जिले में बाल पोषण से संबंधित वीसीडीसी (ग्राम बाल विकास समिति) और सीटीसी (बाल उपचार केंद्र) के कुशल कार्यान्वयन पर ज़ोर दिया गया। बच्चों के गृह भ्रमण की संख्या बढ़ाने, वज़न और ऊँचाई माप के रिकॉर्ड समय पर पूरे करने, भोजन वितरण और पूरक आहार की प्रभावी योजना बनाने और सीटीसी केंद्रों के लिए पूरक उप-श्रम उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए।
आंगनवाड़ी केंद्रों की दक्षता बढ़ाने के लिए, ज़िला कलेक्टर ने ज़िला स्तर पर एक आंगनवाड़ी सशक्तिकरण दल गठित करने के निर्देश दिए। इस दल में ज़िला कार्यक्रम अधिकारी, सीडीपीओ, गैर-सरकारी संगठन के प्रतिनिधि और यूनिसेफ के प्रतिनिधि शामिल होंगे, और आंगनवाड़ी केंद्रों के प्रशिक्षण, पर्यवेक्षण और सेवा गुणवत्ता में निरंतर सुधार किया जाएगा।
इस बैठक में जिलाधिकारी डॉ श्रीकृष्ण पांचाल ने कहा कि ठाणे ज़िले में बच्चों और माताओं का पोषण प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। हालाँकि पूरक आहार का शत-प्रतिशत कार्यान्वयन एक सुखद बात है, लेकिन अब हमारा ध्यान गुणवत्ता में सुधार और सेवाओं को सशक्त बनाने पर होना चाहिए। अगर स्थानीय स्तर पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और परियोजना अधिकारी सक्रिय भागीदारी निभाएँ, तो ‘कुपोषण मुक्त ठाणे’ का लक्ष्य निश्चित रूप से प्राप्त होगा।
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(Udaipur Kiran) / रवीन्द्र शर्मा