मुंबई, 16 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । महाराष्ट्र में अब शिक्षकों के वेतन में देरी नहीं होगी। राज्य के शिक्षा निदेशक ने शिक्षकों को आश्वस्त किया है कि अब नियमित वेतन वितरण में कोई बाधा नहीं आएगी।
मौजूदा समय में स्कूल प्रणाली और संचमान्यता प्रणाली के बीच स्वीकृत पदों व वास्तविक कार्यरत पदों में समन्वय स्थापित करने की इंटीग्रेशन प्रक्रिया शुरू है। राज्य की अनुदानित स्कूलों के मुख्याध्यापकों द्वारा वेतन शाखा को भेजे जाने वाले भुगतान प्रस्ताव में जब स्वीकृत और कार्यरत पद मेल खाते हैं, तो वह प्रस्ताव वेतन शाखा स्तर पर मंजूर होकर कोषागार कार्यालय को आगे भेजा जाता है। यदि पद मेल नहीं खाते, तो अतिरिक्त पदों के संबंध में निर्णय लेने और कार्यरत पदों के वेतन को स्वीकृति देने के लिए वह प्रस्ताव संबंधित शिक्षा अधिकारी (प्राथमिक/माध्यमिक) के लॉगिन पर उपलब्ध कराया जाता है। इस तरह के प्रस्तावों को स्वीकृति देने की सुविधा शिक्षा अधिकारियों को प्रदान की गई है।
शिक्षा निदेशक ने मुंबई मुख्याध्यापक संघ के उत्तर विभाग के अध्यक्ष अनिल बोरनारे को इस संबंध में लिखित आश्वासन दिया है। कहा गया है कि अपनाई गई नई वेतन बिल प्रक्रिया के कारण नियमित वेतन वितरण में कोई बाधा नहीं आएगी. पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि इस प्रणाली का प्रशिक्षण राज्य के सभी प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा अधिकारियों तथा वेतन शाखा के अधीक्षकों को दिया जा चुका है। लिहाजा किसी प्रकार की दिक्कत आने की गुंजाइश नहीं है।
—————
(Udaipur Kiran) / वी कुमार
