
शिमला, 08 अगस्त (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिक्षक कल्याण संघ ने शुक्रवार को विश्वविद्यालय की बिगड़ती वित्तीय स्थिति को लेकर राज्यपाल एवं कुलाधिपति को ज्ञापन सौंपा। संघ ने मांग की कि प्रदेश सरकार समय पर अनुदान राशि जारी करे, ताकि वेतन और पेंशन में देरी न हो।
संघ के अध्यक्ष डॉ. नितिन व्यास के साथ प्रो. चंद्रमोहन, प्रो. शिवकुमार डोगरा, डॉ. जोगिंदर सकलानी, डॉ. रामलाल और डॉ. अंजलि ने राज्यपाल से मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार विश्वविद्यालय के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है और उच्च शिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा।
ज्ञापन सौंपने के बाद संघ ने कुलपति कार्यालय के बाहर लगातार आठवें दिन प्रदर्शन किया, जिसमें गैर शिक्षक कल्याण संघ के पदाधिकारियों ने भी भाग लिया। डॉ. व्यास ने बताया कि बुधवार रात विश्वविद्यालय अनुदान राशि की फाइल पर सरकार ने हस्ताक्षर किए, जिससे गुरुवार दोपहर कर्मचारियों का वेतन जारी हो सका। उन्होंने स्पष्ट किया कि आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक एकमुश्त अनुदान राशि विश्वविद्यालय के खाते में नहीं पहुंच जाती।
संघ के अनुसार विश्वविद्यालय को सरकार से प्रतिवर्ष केवल 152 करोड़ रुपये का अनुदान मिलता है, जबकि वेतन और पेंशन के लिए करीब 240 करोड़ रुपये की आवश्यकता होती है। विश्वविद्यालय को घाटे के 100 करोड़ रुपये अपने संसाधनों से जुटाने पड़ते हैं। संघ ने मांग की कि अनुदान की राशि 250 करोड़ रुपये प्रति वर्ष की जाए और देरी के जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई हो।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
