कोलकाता, 1 सितंबर (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती आंदोलन के प्रमुख चेहरों में से एक सुमन विश्वास ने सोमवार को आरोप लगाया कि करुणामयी मेट्रो स्टेशन पर पुलिस ने उनके साथ बदसलूकी की, जबकि उन्हें कोलकाता उच्च न्यायालय से सुरक्षा संबंधी आदेश मिला हुआ था।
विश्वास ने दावा किया कि इस दौरान उनका कुर्ता फाड़ दिया गया, मोबाइल फोन तोड़ दिया गया और सादी वर्दी में मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन पर हमला किया। उन्होंने कहा, “पुलिस मुझे गिरफ्तार करने की कोशिश कर रही थी। वे आंदोलन को रोकने और मुझे पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन अधिकारियों से मिलने से रोकना चाहते हैं।”
प्रत्यक्षदर्शियों और अन्य आंदोलनकारी शिक्षकों का आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने विश्वास को कॉलर पकड़कर घसीटा, जिससे मौके पर हाथापाई हुई। यह घटना सोशल मीडिया पर लाइव स्ट्रीम भी हुई। विश्वास का कहना है कि उच्च न्यायालय ने उन्हें और चार अन्य प्रतिनिधियों को एसएससी मुख्यालय जाने की अनुमति दी थी।
इस बीच, दोपहर में आयोग के मुख्यालय की ओर संभावित रैली को रोकने के लिए साल्ट लेक इलाके में पुलिस की भारी तैनाती की गई। पुलिस का कहना है कि विश्वास एक “अनधिकृत रैली” निकालने की कोशिश कर रहे थे, जबकि इलाके में धारा 144 लागू है। पुलिस ने यह भी याद दिलाया कि उन्हें पहले 18 अगस्त को भी इसी तरह के मार्च से पहले हिरासत में लिया गया था।
इधर, विश्वास के परिवार ने आरोप लगाया कि रविवार देर रात पुलिस उनके हुगली जिले के बैंडेल स्थित घर के आसपास छापा मारने आई थी, लेकिन सीसीटीवी कैमरों की मौजूदगी के कारण भीतर प्रवेश नहीं कर सकी। उनके भाई ने कहा कि लगातार इस तरह की कार्रवाई पुलिस की “बेताबी और बौखलाहट” को दर्शाती है, जिससे आंदोलन को कुचलने की कोशिश की जा रही है।
वहीं, नौकरी के इच्छुक अभ्यर्थियों का कहना है कि एसएससी पहले ही अयोग्य व भ्रष्ट उम्मीदवारों की सूची जारी कर चुका है, ऐसे में नई परीक्षा कराने की कोई आवश्यकता नहीं है।
भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने भी इस मुद्दे पर राज्य सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि जब दोषी उम्मीदवारों की पहचान हो चुकी है तो “ईमानदार और योग्य शिक्षकों” को तुरंत बहाल किया जाना चाहिए। अधिकारी ने आश्वासन दिया कि यदि सरकार इस मामले में उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाती है, तो वह विधानसभा में योग्य उम्मीदवारों की बहाली संबंधी किसी भी प्रस्ताव का समर्थन करेंगे।————————-
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
