
चंपावत, 8 अगस्त (Udaipur Kiran) । एक ओर सरकार डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने की बात करती है, तो दूसरी ओर चम्पावत जनपद के अतिथि शिक्षक अपनी मेहनत की कमाई के लिए धरना देने को मजबूर हैं।
ग्रीष्म एवं शीतकालीन छुट्टियों के दौरान भी शिक्षकों ने ऑनलाइन कक्षाएं जारी रखीं, ताकि बच्चों की पढ़ाई न रुके। लेकिन इसके बदले उन्हें एक पैसा भी नहीं मिला जबकि नैनीताल, अल्मोड़ा और देहरादून जैसे जिलों में पहले ही मानदेय भुगतान के आदेश जारी हो चुके हैं, चम्पावत के शिक्षक अब भी अपने अधिकार के लिए भटक रहे हैं।
उपाध्यक्ष उमेश मिश्रा, रेखा बोहरा, नवीन पुनेठा और अन्य शिक्षक नेताओं के नेतृत्व में शिक्षकों ने मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय के माध्यम से ज्ञापन सोंपा।शिक्षकों का कहना है कि जब देशभर में स्कूल बंद थे, तब भी वे ऑनलाइन माध्यम से बच्चों को पढ़ा रहे थे। आज जब मानदेय की बारी आई तो शासन-प्रशासन ने आंखें फेर लीं।
महामंत्री तारा सिंह और संयुक्त सचिव सुनील कुमार प्रहरी ने कहा कि यह सिर्फ वेतन की लड़ाई नहीं, बल्कि सम्मान की भी लड़ाई है।
(Udaipur Kiran) / राजीव मुरारी
