दरभंगा, 14 अगस्त (Udaipur Kiran) । जिले में तारडीह प्रखंड में करोड़ों रुपये की लागत से बना नया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएससी) उद्घाटन के एक साल के भीतर ही बदहाली की तस्वीर पेश कर रहा है। भव्य भवन, एक्स-रे मशीन और अन्य आधुनिक उपकरण होने के बावजूद यहां मरीजों को बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि अस्पताल में डॉक्टर और नर्स अकसर अनुपस्थित रहते हैं। समुचित दवाओं के अभाव में मरीजों के परिजनों को बाहर की खुली दुकानों से महंगे दाम पर दवाएं खरीदनी पड़ती हैं। अस्पताल परिसर बाहर से भव्य और आधुनिक दिखता है, और बोर्ड पर ‘आपातकालीन सेवा’ का दावा भी किया गया है, लेकिन हकीकत यह है कि आपात स्थिति में बिना प्राथमिक उपचार दिए मरीजों को सीधे दरभंगा डीएमसीएच या अन्य निजी अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता है।
ग्रामीणों का आरोप है कि लाखों नहीं, बल्कि करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद यह अस्पताल अपनी मूल जिम्मेदारी निभाने में विफल है। नेताओं से लेकर स्वास्थ्य महकमे तक, इस लापरवाही पर किसी का ध्यान नहीं है। हालत यह है कि जहां हर महीने हजारों मरीज इलाज की उम्मीद में आते हैं, वहीं शाम होते ही अस्पताल परिसर सुनसान हो जाता
है।
(Udaipur Kiran) / Krishna Mohan Mishra
