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ऐतिहासिक सूखा और गेहूं की भारी कमी से जूझेगा सीरिया, नई सरकार के सामने बड़ी चुनौती

दुबई, 18 अगस्त (Udaipur Kiran) । सीरिया इस समय पिछले 36 वर्षों में आए सबसे भीषण सूखे से जूझ रहा है, जिसने गेहूं के उत्पादन को करीब 40 प्रतिशत तक घटा दिया है। इस कारण देश में खाद्य संकट गहराने की आशंका है। संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) के अनुसार, लगभग तीन मिलियन सीरियाई गंभीर भूख का सामना कर सकते हैं। वर्तमान में देश की 25.6 करोड़ आबादी में से आधे से अधिक लोग पहले ही खाद्य असुरक्षा से जूझ रहे हैं।

संयुक्त राष्ट्र की खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) की जारी रिपोर्ट के मुताबिक, सीरिया को इस साल 27.3 लाख मीट्रिक टन गेहूं की कमी का सामना करना पड़ेगा, जो लगभग 1.6 करोड़ लोगों को पूरे एक वर्ष तक भोजन उपलब्ध कराने के बराबर है।

यह स्थिति राष्ट्रपति अहमद अल-शरा के लिए बड़ी चुनौती बनकर सामने आई है। उनकी नई सरकार लंबे 14 साल तक चले गृहयुद्ध और दिसंबर में पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद के सत्ता से हटने के बाद देश को पुनर्निर्माण की राह पर ले जाने की कोशिश कर रही है।

सीरिया में गेहूं सबसे अहम फसल है और सरकार के सब्सिडी वाले ब्रेड कार्यक्रम की रीढ़ है, जो आम लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी का मुख्य हिस्सा है। बावजूद इसके, शरा की सरकार बड़े पैमाने पर गेहूं आयात सुनिश्चित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग जुटाने में अब तक सुस्त रही है।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस सीजन में स्थानीय किसानों से मात्र 3,73,500 टन गेहूं खरीदा गया है, जो पिछले साल की तुलना में लगभग आधा है। अधिकारियों का अनुमान है कि देश को इस साल 25.5 लाख टन गेहूं का आयात करना होगा। हालांकि, अब तक दमिश्क ने किसी बड़े आयात समझौते की घोषणा नहीं की है और केवल छोटे निजी सौदों पर निर्भर है, जिनकी कुल मात्रा 2 लाख टन के करीब है।

एफएओ के सीरिया प्रतिनिधि टोनी एटेल के अनुसार, “आधी आबादी सूखे से प्रभावित होकर भूख की मार झेल सकती है। खासकर ब्रेड की उपलब्धता सबसे अहम चिंता का विषय है।”

अब तक सीरिया को केवल सीमित आपातकालीन मदद मिली है, जिसमें इराक से 2,20,000 टन गेहूं और यूक्रेन से 500 टन आटा शामिल है।

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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय

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