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गायत्री पुरश्चरण की शक्ति से होगा विश्व का कल्याण: स्वामी प्रखर महाराज

jodhpur

जोधपुर, 25 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । आज संपूर्ण विश्व भय, हिंसा और आतंक से ग्रसित है। ऐसी परिस्थिति में यदि कोई एक साधना इस अंधकार को प्रकाश में बदल सकती है, तो वह है गायत्री पुरश्चरण महायज्ञ। इन आध्यात्मिक शब्दों के साथ राष्ट्रीय संत स्वामी प्रखर महाराज ने शनिवार को लघु उद्योग भारती के सभागार में शहर के ब्राह्मण समाज के प्रमुखों को संबोधित किया।

उन्होंने कहा कि अगले वर्ष होने वाले 200 कुण्डीय विराट शत गायत्री पुरश्चरण महायज्ञ केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि राष्ट्र जागरण और विश्व शांति का अलौकिक अभियान है। यह आयोजन सनातन धर्म की आत्मा को पुनर्जीवित करने वाला है। महर्षि विश्वामित्र के बाद पुष्कर की पवित्र धरा पर इस स्तर का पुरश्चरण यज्ञ पहली बार होने जा रहा है। यह केवल ब्राह्मणों के कल्याण तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि सम्पूर्ण मानवता के उद्धार का माध्यम बनेगा।

लघु उद्योग भारती सभागार में हुए इस कार्यक्रम में शहर के अनेक गणमान्य नागरिकों, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों और विप्र समाज के प्रमुखों ने भाग लिया। विप्र फाउंडेशन के जिला अध्यक्ष एवं कार्यक्रम संयोजक कैलाश सारस्वत ने बताया कि कार्यक्रम में पूर्व न्यायाधीश जीके व्यास, जिला न्यायाधीश पूरणमल शर्मा, विप्र फाउंडेशन के संस्थापक संयोजक सुशील ओझा, पूर्व महापौर घनश्याम ओझा, वरिष्ठ उद्यमी राधेश्याम रंगा, हस्तीमल सारस्वत, राजकुमार शर्मा, राजेश श्रीमाली, कैलाश ओझा,दिनेश कल्ला, मनीष आचार्य, सुमनेश व्यास, कमलेश पुरोहित, प्रमोद दवे, माधो प्रकाश जाजड़ा, कन्हैयालाल पारीक, दुष्यंत रानेजा, एचपी.गौड़, डॉ. शीला आसोपा, मंजू सारस्वत, स्वाति शर्मा सहित, राधिका दवे सहित अन्य ने स्वामी प्रखर महाराज का पुष्पमालाओं एवं शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया।

स्वामीजी ने बताया कि यह विराट शत गायत्री पुरश्चरण महायज्ञ आगामी 8 मार्च से 19 अप्रैल 2026 तक गायत्री शक्तिपीठ, मणिवेदिका पीठ, पुष्कर में आयोजित किया जाएगा। इस महायज्ञ में 200 यज्ञ कुण्ड स्थापित किए जाएंगे, जिनमें प्रमुख ब्राह्मण यजमान भाग लेंगे। कुल 27 करोड़ गायत्री मंत्रों का जप एवं आहुति दी जाएगी, जिसमें 1700 विद्वान ब्राह्मणों द्वारा 24 करोड़ मंत्रों का जप और 3 करोड़ मंत्रों की आहुति संपन्न की जाएगी।

(Udaipur Kiran) / सतीश

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