Uttar Pradesh

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से उत्तर प्रदेश के लगभग 2.5 लाख शिक्षक प्रभावित होंगे : सुशील उपाध्याय

शिक्षक प्रदर्शन करते हुए
शिक्षक सीटी मजिस्ट्रेट इंद्र नंदन सिंह को ज्ञापन सौंपते हुए

जौनपुर, 15 सितम्बर (Udaipur Kiran) । कलेक्ट्रेट परिसर में सोमवार शाम उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ सहित अन्य संगठनों ने जोरदार प्रदर्शन किया। शिक्षकों ने जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा। सुशील उपाध्याय जिलाध्यक्ष उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल पूर्व माध्यमिक का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से उत्तर प्रदेश के लगभग 2.5 लाख शिक्षक प्रभावित होंगे। शिक्षक संघ का कहना है कि 29 जुलाई 2011 से पहले नियुक्त शिक्षकों को TET से छूट मिलनी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षकों की योग्यता को लेकर एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। आदेश के अनुसार, जिन शिक्षकों की सेवा में 5 वर्ष से अधिक का समय शेष है, उन्हें टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (TET) पास करना अनिवार्य होगा। शिक्षकों को यह परीक्षा अगले दो वर्षों में उत्तीर्ण करनी होगी।

यह मामला RTE एक्ट 2009 से जुड़ा है। इसकी गाइडलाइन 23 अगस्त 2010 को जारी की गई थी। उत्तर प्रदेश में यह एक्ट 29 जुलाई 2011 से लागू हुआ। शुरुआत में 29 जुलाई 2011 से पहले नियुक्त शिक्षकों को इस व्यवस्था से छूट दी गई थी। 3 अगस्त 2017 में RTE एक्ट की धारा 23(2) में संशोधन कर सभी शिक्षकों के लिए TET अनिवार्य कर दिया गया।

सुप्रीम कोर्ट ने धारा 142 की विशेष शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह देशव्यापी निर्णय दिया है। इस फैसले में महाराष्ट्र और तमिलनाडु सरकार पक्षकार थे। उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्य इस मामले में पार्टी नहीं थे।

(Udaipur Kiran) / विश्व प्रकाश श्रीवास्तव

Most Popular

To Top