Uttrakhand

सूर्यकांत धस्माना ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर बोला हमला

देहरादून, 18 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर हमला बोला है। धस्माना ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार जनसरोकारों से जुड़े हर मुद्दे पर फिसड्डी रही है और अब २०२७ के विधानसभा चुनावों को नजदीक देख कर अर्बन नक्सल के जुमले के पीछे छिपने का प्रयास कर रही है।

सूर्यकांत धस्माना ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में शनिवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि सरकार सबसे पहले पूरे प्रदेश की जनता को यह बताए कि राज्य में अगर अर्बन नक्सल गैंग सक्रिय है तो उसका सरगना कौन है और क्या सरकार ने इस बाबत केंद्रीय गृह मंत्रालय को इतने संवेदनशील विषय की जानकारी दे दी है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देश का एक सीमावर्ती राज्य है जिसकी सीमाएं पड़ोसी देशों चीन, नेपाल से मिलती हैं और अगर अर्बन नक्सल जैसी कोई बात यहां पनप चुकी है तो वाकई यह मामला बहुत गंभीर है इसलिए सरकार को इसका उत्तर देना चाहिए।धस्माना ने कहा कि वास्तविकता यह है कि लगातार दो बार राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा ने जनता को बुरी तरह से निराश किया है और अब तीसरी बार के लिए वोट मांगने के लिए भाजपा सरकार के पास कोई उपलब्धियों का ब्यौरा नहीं है इसलिए अब अर्बन नक्सल का नया जुमला गाढ़ा गया है। धस्माना ने आरोप लगाते हुए कहा कि बेरोजगारी आज चरम पर है और सरकार फर्जी आंकड़े पेश कर लोगों को बरगला रही है कि सरकारी नौकरियों छब्बीस हजार से ज्यादा लोगों की लगाई गई है। धस्माना ने कहा कि कांग्रेस यह मांग करती है कि पिछले पौने चार साल में सरकार ने जो सरकारी नौकरियों लगाई हैं उनके विभागवार आंकड़े श्वेत पत्र जारी कर सार्वजनिक करें

धस्माना ने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाली के दौर से गुजर रही हैं जिसके कारण आज प्रदेश की जनता में भरी आक्रोश व्याप्त है। शिक्षा चाहे प्राथमिक हो या माध्यमिक या फिर उच्च शिक्षा सभी क्षेत्रों में शिक्षा बदहाल है और परीक्षाओं के लीक, पेपर आउट, नकल से पूरी परीक्षा प्रणाली की पोल पट्टी सामने खुल चुकी है। धस्माना ने कहा कि आपदा प्रबंधन तंत्र पूरी तरह से फेल साबित हुआ है और धराली में आज तक सरकार यह ही नहीं बता पाई कि धराली आपदा में कितने लोगों की मौत हुई है। राज्य में हर मुद्दे पर भाजपा सरकार पूर्ण रूप से फिसड्डी साबित हुई है।

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(Udaipur Kiran) / विनोद पोखरियाल

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