Jharkhand

मुख्यमंत्री के खास विधायक प्रतिनिधि के इशारे पर हुई सूर्या हांसदा की हत्या : बाबूलाल

प्रेस वार्ता करते प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी

रांची, 24 अगस्त (Udaipur Kiran) । भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने सूर्या हांसदा एनकाउंटर को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है। बाबूलाल सूर्या हांसदा एनकाउंटर मामले की जांच के बाद प्राप्त रिपोर्ट पर रविवार को प्रदेश कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे।

बाबूलाल ने कहा कि उनकी ओर से पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा की अध्यक्षता में गठित जांच समिति जिसमें पूर्व नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी, प्रदेश उपाध्यक्ष भानु प्रताप शाही, पूर्व मंत्री रणधीर सिंह, प्रदेश प्रवक्ता अमित मंडल, पूर्व सांसद सुनील सोरेन, महिला मोर्चा प्रदेश मंत्री अनीता सोरेन शामिल थे। जांच समिति के सदस्यों की हस्ताक्षरित जांच रिपोर्ट से स्पष्ट हो रहा है कि गोड्डा जिला के ललमटिया के सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्ता सूर्या हांसदा की साजिश के तहत सत्ताधारी दल और माफिया के गठजोड़ ने पुलिस की ओर से हत्या को अंजाम दिया गया है।

उन्होंने कहा कि इस आशंका की पुष्टि 11 जून को सोशल मीडिया पर जारी एक वायरल वीडियो से होता है। इसमें झामुमो की गोड्डा में आयोजित एक सभा में झामुमो के राष्ट्रीय प्रवक्ता,मुख्यमंत्री के खास विधायक प्रतिनिधि जो हाल में ही अवैध उत्खनन और अन्य संगीन मामलों में ईडी कोर्ट से सशर्त जमानत पर बाहर आए हैं। उन्होंने कहा कि जो सरकार की बात नहीं सुनेगा वह पुलिस की गोली से मारा जाएगा और ठीक दूसरे दिन 12 जून को एक मुकदमे में सूर्या हांसदा का नाम जोड़ दिया गया।

जांच समिति ने परिवार के सदस्यों से बात कर इस बयान को सूर्या हांसदा की हत्या से जुड़ा हुआ देखा, क्योंकि ठीक दो महीने बाद सूर्या हांसदा की पुलिस के जरिये गोली मार कर हत्या कर दी गई।

उन्होंने कहा कि झारखंड पुलिस सूर्या हांसदा को अपराधी बता रही है, जबकि न्यायालय ने उन्हें किसी मुकदमे में अपराधी नहीं पाया। पुलिस ने जिन 24 मुकदमों का जिक्र किया है उसमें से 14 में वे बाइज्जत बरी हो चुके थे।

पांच मुकदमे में जमानत पर थे और पांच में जमानत विचाराधीन था।

उन्होंने कहा कि 27 मई की जिस घटना को दिखाकर पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया उस दिन वे बेटे का जन्मदिन मना रहे थे। जिस कंपनी की गाड़ी जलाने बात कही गई है उस कंपनी के किसी अधिकारी और कर्मचारी ने पुलिस को सूचना नहीं दी थी।

उन्होंने कहा कि संथाल परगना पूरा क्षेत्र अवैध बांग्लादेशी घुसपैठ, अवैध खनन, धर्मांतरण , आदिवासी बहु बेटियों की इज्जत से खिलवाड़ और जमीन पर अवैध कब्जा का केंद्र बन गया है। इन अवैध कार्यों का सत्ता पक्ष का संरक्षण प्राप्त है। सूर्या हांसदा इन अवैध धंधों का विरोध करने के कारण आंखों की किरकिरी बने हुए थे।

उन्होंने कहा कि सूर्या हांसदा किसी मुकदमे में वारंटी नहीं थे इसलिए फरार नहीं थे। वे एक सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में क्षेत्र में सक्रिय थे।

उन्होंने कहा कि पुलिस का इनकाउंटर से संबंधित बयान पूरी तरह से फर्जी प्रतीत होता है क्योंकि सूर्या के शरीर पर तीन गोली के निशान थे जिसमें कोई निशान पीठ पर नहीं पाया गया। बल्कि पेट में गोली लगी है। फिर कोई भागने वाले को पेट में गोली कैसे लग सकती है।

उन्होंने कहा कि भारतीय न्याय संहिता और पुलिस रूल का गिरफ्तारी के वक्त पालन नहीं किया गया। गिरफ्तारी के समय किसी को साक्षी नहीं बनाया गया। कोई मेडिकल टेस्ट नहीं कराई गई।

बाबूलाल ने कहा कि 400 अनाथ बच्चों की पढ़ाई की चिंता करने वाले सूर्या हांसदा को तथाकथित आदिवासी हितैषी सरकार अपराधी बताकर हत्या करवाती है।

उन्होंने कहा कि सूर्या हांसदा का परिवार ही नहीं बल्कि जनता इस हत्या की सीबीआई जांच चाहती है। इसलिए राज्य सरकार अविलंब सीबीआई जांच की अनुशंसा करे।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी संदेहास्पद : भानु

जांच समिति के सदस्य और प्रदेश उपाध्यक्ष भानु प्रताप शाही ने कहा कि बातचीत से यह स्पष्ट है कि पुलिस के टॉर्चर से सूर्या हांसदा की मौत हुई है। बाद में उन्हें गोली मारकर एनकाउंटर दिखाया जा रहा। घटना स्थल से मीडिया को दूर रखा गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शरीर पर जो निशान पाए गए उसकी स्पष्टता नहीं है।

इसलिए फिर से पोस्टमार्टम कराकर रिपोर्ट तैयार की जाए और पूरे घटना की सीबीआई जांच हो।

प्रेसवार्ता में प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक और सह मीडिया प्रभारी योगेंद्र प्रताप सिंह भी उपस्थित थे।

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(Udaipur Kiran) / विकाश कुमार पांडे

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