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हैरतअंगेज! पश्चिम बंगाल में मालदा के युवक के शरीर से निकली 37 सूईयां

कोलकाता, 21 अगस्त (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल के मालदा जिले से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। कलियाचक थाना क्षेत्र के सुल्तानगंज मध्यपाड़ा निवासी हैदर अली (27), जो जन्म से मूक और बधिर हैं, के शरीर से अब तक कुल 37 सूईयां निकाली जा चुकी हैं। चिकित्सकों ने दो बार ऑपरेशन कर उनके पेट से ये सूई बाहर निकालीं, लेकिन अब भी उनके हाथ, पीठ और पेट में लगातार नई-नई सूई पाई जा रही हैं।

हैदर की पत्नी नसिमा खातून ने बताया कि पति की तकलीफ देखकर उन्होंने मुर्शिदाबाद के शमशेरगंज स्थित एक नर्सिंग होम में इलाज कराया था। वहां डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर दो चरणों में 37 सूई उनके शरीर से निकालीं और परिजनों को दिखाईं भी। नसिमा के मुताबिक, घर के बर्तन तक बेचकर इलाज कराया है, अब और संभव नहीं। हमें लगता है किसी ने काला जादू कर उनके शरीर में सूई डाल दी हैं।

परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो चुकी है। छह साल पहले हुई शादी के बाद दो नवजात बच्चों की जन्म के समय ही मौत हो गई थी। मां की मौत और पिता के दूसरी शादी कर अलग हो जाने के बाद हैदर अपने ननिहाल में रहते हैं।

करीबी रिश्तेदार मोहम्मद साकिर शेख ने बताया कि डेढ़ साल से हैदर इस समस्या से जूझ रहे हैं। जब पहली बार उन्हें मालदा मेडिकल कॉलेज ले जाया गया और एक्स-रे किया गया, तो हाथ, पेट और पीठ में दर्जनों सूई देखकर सभी चौंक गए। हाल ही में दो महीने पहले फिर से ऑपरेशन हुआ, लेकिन नई सूई लगातार उभर रही हैं।

इधर, गांव के लोग भी इस घटना से आश्चर्यचकित हैं। उनका कहना है कि जिंदा इंसान के शरीर में इस तरह से सूई होना असंभव है। जरूर कोई अलौकिक या अवैज्ञानिक कारण होगा।

हालांकि, पश्चिम बंगाल विज्ञान मंच ने स्पष्ट कहा है कि इस घटना के पीछे किसी तरह का काला जादू नहीं है। संगठन के जिला सचिव मनोरंजन दास ने बताया कि इसकी वैज्ञानिक जांच जरूरी है।

मालदा के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुदीप्तो भादुड़ी ने कहा, संभावना है कि युवक नशे का आदी रहा हो और उसने कभी इंजेक्शन का इस्तेमाल किया हो। फिर भी इस मामले को मेडिकल दृष्टि से पूरी तरह परखा जाएगा। शरीर में सूई पैदा नहीं होतीं, बल्कि संभव है कि या तो उसने खुद उन्हें शरीर में डाला हो या किसी ओझा ने उपचार के नाम पर उसे पीड़ित किया हो।

उन्होंने बताया कि जिला स्वास्थ्य विभाग की एक टीम हैदर के घर जाकर पूरी जांच करेगी। साथ ही मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी उसे परखेंगे, ताकि सच सामने आ सके।————————-

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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