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सुप्रीम कोर्ट आठ हफ्ते बाद यमन में नर्स निमिषा प्रिया को फांसी से बचाने की याचिका पर सुनवाई करेगा

सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली, 14 अगस्त (Udaipur Kiran) । यमन में मौत की सजा पा चुकी केरल की नर्स निमिषा प्रिया को फिलहाल कोई खतरा नहीं है। इस बात की सूचना याचिकाकर्ता संगठन की ओर से पेश वकील ने उच्चतम न्यायालय को दी। याचिकाकर्ता संगठन सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल ने सुनवाई चार हफ्ते टालने की मांग की, जिस पर कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई आठ हफ्ते टालने का आदेश दिया।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता संगठन सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल की ओर से वकील ने कहा कि इस मामले में बातचीत चल रही है और फिलहाल निमिषा प्रिया को कोई खतरा नहीं है। उन्होंने कोर्ट से मामले की सुनवाई चार हफ्ते टालने की मांग की। याचिकाकर्ता संगठन ने कहा कि शायद चार हफ्ते में कोई न कोई हल निकल आएगा। उसके बाद कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई आठ हफ्ते टालने का आदेश दिया।इससे पहले 18 जुलाई को केंद्र सरकार ने कहा था कि यमन में मौत की सजा पा चुकी केरल की नर्स निमिषा प्रिया की फांसी को रुकवाने की कोशिशें जारी हैं और इसके लिए सरकार हरसंभव कोशिश कर रही है।

दरअसल, यमन की अदालत ने 7 मार्च, 2022 को निमिषा प्रिया की अपील को खारिज कर दी थी। निमिषा प्रिया पर 2017 में यमन के नागरिक तलल आब्दो माहदी की हत्या का आरोप है कि उसने माहदी को नशीला पदार्थ पिलाया, जिसके ओवरडोज से उसकी मौत हो गई थी। निमिषा एक प्रशिक्षित नर्स है। उसने 2014 में यमन की राजधाना सना में अपना क्लिनिक स्थापित करने के लिए माहदी से मदद ली।

यमनी कानून के मुताबिक केवल उसके नागरिकों को ही क्लीनिक और व्यावसायिक फर्म स्थापित करने की अनुमति है। बाद में दोनों के संबंध बिगड़ गए और महादी उसे प्रताड़ित करने लगा। महादी ने निमिषा का पासपोर्ट अपने कब्जे में ले लिया। आरोप है कि निमिषा महादी के चंगुल से बचने के लिए एक यमनी नर्स के साथ योजना बनाकर नशीले इंजेक्शन दिया जिसके ओवरडोज से उसकी मौत हो गई।

(Udaipur Kiran) /संजय

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(Udaipur Kiran) / अमरेश द्विवेदी

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