
नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । उच्चतम न्यायालय राजस्थान की जोजरी नदी में जहरीले पानी के मसले पर स्वत: संज्ञान लिए गए मामले की सुनवाई एनजीटी के आदेश के खिलाफ लंबित अपील के साथ करेगा। जस्टिस विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश दिया।
कोर्ट ने कहा कि दोनों की मामलों में तथ्यों की समानता है, इसलिए इस मसले पर चीफ जस्टिस की बेंच को भेजा जाएगा जो इस पर फैसला करेंगे। 23 सितंबर को सुनवाई के दौरान राजस्थान सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा था कि इस मसले पर एनजीटी ने भी कुछ आदेश दिया है। तब कोर्ट ने राजस्थान सरकार के वकील को इस संबंध में एक नोट दाखिल करने का निर्देश दिया था।
बता दें कि 16 सितंबर को कोर्ट ने इस मसले पर स्वत: संज्ञान लिया था। कोर्ट ने कहा था कि नदी में औद्योगिक कचरा छोड़े जाने से स्वास्थ्य और दूसरे पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
कोर्ट ने कहा था कि आसपास की फैक्ट्रियों से निकलने वाला औद्योगिक कचरा सीधे नदी में गिराया जा रहा है जिसकी वजह से सैकड़ों गांवों का पानी प्रदूषित हो गया है। लोगों को पीने का साफ पानी तक नहीं मिल रहा है। इसकी वजह से स्वास्थ्य और दूसरे पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। कोर्ट ने कहा था कि राजस्थान की मरुधरा जोजरी नदी में वस्त्र और टाइल्स फैक्ट्रियों से भारी मात्रा में औद्योगिक कचरा छोड़ा जा रहा है। इसकी वजह से सैकड़ों गांवों में रहने वाले लोगों और पशुओं के लिए पानी पीने योग्य नहीं रह गया है। जोजरी नदी राजस्थान के नागौर जिले के पोंडलू गांव के नजदीक से निकलती है और जोधपुर और बाड़मेर जिलों से होकर लूनी नदी में मिल जाती है।
(Udaipur Kiran) /संजय
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(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा
