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ईडी की शक्तियों को लेकर समीक्षा याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा

supreme court

नई दिल्ली, 15 जुलाई (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने आदेश दिया कि मनी लांड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की शक्तियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करेगा।

मंगलवार काे सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि इस मामले पर दलीलें रखने के लिए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता उपलब्ध नहीं हैं। उसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई 31 जुलाई को करने का आदेश दिया।

इसके पहले सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि जुलाई, 2022 के आदेश में कई गलतियां हैं जिन पर दोबारा विचार करने की जरुरत है। जस्टिस उज्जवल भूईयां ने कहा था कि कोर्ट ने जिन दो मामलों की पहचान की थी उन पर विचार करने की जरुरत है। जस्टिस सीटी रवि कुमार ने कहा था कि कोर्ट को ये सुनिश्चित करना होगा कि पुनर्विचार याचिका अपील का शक्ल न लें।

केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले में कोई गड़बड़ी नहीं है। पुनर्विचार याचिका दायर करने वालों में कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 24 अगस्त, 2022 को पुनर्विचार याचिका पर खुली अदालत में सुनवाई करने का आदेश दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने 27 जुलाई, 2022 को अपने फैसले में ईडी की शक्ति और गिरफ्तारी के अधिकार को बहाल रखने का आदेश दिया था। जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली बेंच ने मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत ईडी को मिले विशेषधिकारों को बरकरार रखा था। कोर्ट ने पूछताछ के लिए गवाहों, आरोपितों को समन, संपत्ति जब्त करने, छापा डालने, गिरफ्तार करने और जमानत की सख्त शर्तो को बरकरार रखा था।

कोर्ट ने कहा था कि मनी लांड्रिंग एक्ट में किए गए संशोधन को वित्त विधेयक की तरह पारित करने के खिलाफ मामले पर बड़ी बेंच फैसला करेगी। कोर्ट ने कहा था कि मनी लांड्रिंग एक्ट की धारा 3 का दायरा बड़ा है। कोर्ट ने कहा था कि धारा 5 संवैधानिक रुप से वैध है। धारा 19 और 44 को चुनौती देने की दलीलें दमदार नहीं है। ईसीआईआर एफआईआर की तरह नहीं है और यह ईडी का आंतरिक दस्तावेज है। एफआईआर दर्ज नहीं होने पर भी संपत्ति को जब्त करने से रोका नहीं जा सकता है। एफआईआर की तरह ईसीआईआर आरोपित को उपलब्ध कराना बाध्यकारी नहीं है। जब आरोपित स्पेशल कोर्ट के समक्ष हो तो वह दस्तावेज की मांग कर सकता है।

(Udaipur Kiran) /संजय

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(Udaipur Kiran) / अमरेश द्विवेदी

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