
नई दिल्ली, 18 अगस्त (Udaipur Kiran) । उच्चतम न्यायालय ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि जब सड़कों की हालत इतनी खराब है कि 12 घंटा लंबा ट्रैफिक जाम लगता है, तो लोगों से 150 रुपये टोल के रुप में कैसे वसूला जा सकता है। दिल्ली की ट्रैफिक और जलभराव की समस्या पर टिप्पणी करते हुए कहा कि दो घंटे की बारिश में दिल्ली लकवाग्रस्त हो जाती है। चीफ जस्टिस बीआर गवई नेशनल हाईवे अथॉरिटी की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए ये टिप्पणी की।
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ने केरल उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उच्च न्यायालय ने एक खस्ताहाल नेशनल हाईवे 544 पर टोल वसूली पर रोक लगा दी थी। केरल उच्च न्यायालय ने एडापल्ली से मुन्नुथी तक की 65 किलोमीटर लंबी सड़क को बेहद खराब बताते हुए एक टोल प्लाजा पर वसूली पर रोक लगाने का आदेश दिया था।
सुनवाई के दौरान जब एक वकील ने उच्चतम न्यायालय के बाहर लगने वाले जाम का जिक्र किया, तो चीफ जस्टिस ने कहा कि दिल्ली जैसे शहर में दो घंटे की बारिश में ही पूरा शहर ठप हो जाता है। सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय ने पूछा कि जब सड़कों की हालत इतनी खराब है कि 12 घंटा लंबा ट्रैफिक जाम लगता है तो लोगों से 150 रुपये टोल के रुप में कैसे वसूला जा सकता है।
नेशनल हाईवे की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि 12 घंटे का लंबा जाम इसलिए लगा, क्योंकि एक लॉरी पलट गई थी। इस पर न्यायालयने कहा कि लॉरी अपने आप नहीं पलटी, बल्कि गड्ढों की वजह से ऐसा हुआ।
(Udaipur Kiran) /संजय
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(Udaipur Kiran) / अमरेश द्विवेदी
