
उदयपुर, 27 जुलाई (Udaipur Kiran) । भारतीय जनता पाटी (भाजपा) के राष्ट्रीय महामंत्री एवं चार राज्यों के प्रभारी सुनील बंसल ने ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’को समय की पुकार बताया है।
वे रविवार को यहां नगर निगम स्थित सुखाड़िया रंगमंच पर भाजपा की ओर से आयोजित एक राष्ट्र, एक चुनाव विषयक संगोष्ठी को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। बंसल ने अपने ओजस्वी संबोधन में कहा कि वन नेशन, वन इलेक्शन भारत के लिए स्पीड ब्रेकर हटाने जैसा है। बार-बार होने वाले चुनावों से न केवल विकास कार्य प्रभावित होते हैं, बल्कि नीति निर्माण और प्रशासनिक मशीनरी भी थकावट की स्थिति में पहुंच जाती है। यदि एक साथ चुनाव होते हैं, तो सरकारें पूरे कार्यकाल के लिए नीतिगत फैसले ले सकेंगी, जिससे राष्ट्र निर्माण में गति आएगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान व्यवस्था में हर वर्ष देश के किसी न किसी हिस्से में चुनाव होता है, जिससे केंद्र व राज्य सरकारें निर्णय लेने में संकोच करती हैं और विकास योजनाएं बाधित होती हैं। 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है, तो यह चुनावी सुधार बेहद जरूरी है।
बंसल ने कहा कि एक लोकसभा चुनाव पर सरकार का खर्च लगभग ₹1.35 लाख करोड़ तक होता है। यदि विधानसभा व लोकसभा चुनाव एक साथ हों, तो यह खर्च बहुत कम हो सकता है। एक वोट पर सरकार ₹1400 तक खर्च करती है। ऐसे में हर साल चुनाव होने से यह आंकड़ा कई गुना बढ़ जाता है, जिससे देश के आर्थिक संसाधनों पर अनावश्यक बोझ पड़ता है।
बंसल ने स्पष्ट किया कि वन नेशन, वन इलेक्शन से भाजपा को विशेष लाभ नहीं होने वाला है क्योंकि पार्टी पहले से ही 22 राज्यों में सत्ता में है। हमारे लिए राष्ट्र प्रथम है, सत्ता नहीं, उन्होंने दोहराया। उन्होंने कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वे इस अभियान को जन-जन तक पहुंचाएं और इसके लाभों को मतदाताओं को समझाएं। यह जन जागरण का विषय है, और हमें लोगों को शिक्षित करना है कि इससे देश को क्या लाभ होगा।
कार्यक्रम में शहर विधायक ताराचंद जैन ने बंसल के विद्यार्थी काल की संगठन सेवा का उल्लेख किया, वहीं जिला प्रभारी बंशीलाल खटीक ने बंसल का जीवन परिचय पढ़ा। शहर जिला अध्यक्ष गजपाल सिंह राठौड़ ने स्वागत वक्तव्य में बताया कि बंसल की कार्यस्थली उदयपुर रही है और उन्होंने यहां सैकड़ों राष्ट्रनिष्ठ कार्यकर्ता तैयार किए हैं।
भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक प्रमोद सामर ने कहा कि बंसल ने स्कूटर-साइकिल पर सवार होकर उदयपुर की गलियों में राष्ट्रवाद की अलख जगाई और आज वे उसी समर्पण भाव से राष्ट्रीय राजनीति में प्रतिष्ठित हुए हैं। उन्होंने आगामी 100 से अधिक प्रकल्पों में अभियान चलाकर एक राष्ट्र, एक चुनाव को जन-अभियान बनाने की बात कही।
—————
(Udaipur Kiran) / सुनीता
