Chhattisgarh

सुकमा: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओ ने वेतन वृद्धि व शासकीय कर्मचारी घोषित करने सहित 8 सूत्री मांगों का सौंपा ज्ञापन

सुकमा: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओ ने वेतन वृद्धि व शासकीय कर्मचारी घोषित करने सहित 8 सूत्री मांगों सौंपा ज्ञापन।

सुकमा, 1 सितंबर (Udaipur Kiran) । आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओ ने वेतन वृद्धि, मंहगाई भत्ता व पेंशन व शासकीय कर्मचारी घोषित करने सहित 8 सूत्री मांगों को लेकर सुकमा जिला मुख्यालय स्थित शबरी ऑडिटोरियम परिसर में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन करते हुए प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के नाम डिप्टी कलेक्टर को आज ज्ञापन सौंपा। इस दौरान जिले भर के 02 हजार आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकायें मौजूद थी।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की जिला अध्यक्ष दयावती यालम ने कहा कि देश में 02 अक्टूबर 1975 को जब से आईसीडीएस की स्थापना हुई है, तब से आंगनबाड़ी केंद्रों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओ के रूप में केन्द्र और राज्य सरकार को सेवाएं दे रहे है। हर योजना को घर-घर और जन-जन तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं। लेकिन सेवायें 50 वर्ष होने के बावजूद भी हम महिलाओ को ना तो कर्मचारी का दर्जा मिल पाया है और ना ही श्रमिक मजदूर का और ना ही हमें अब तक न्यूनतम मजदूरी पेशन, ग्रेज्युवेटी, समूह बीमा, चिकित्सा और सम्मान जैसी कोई बुनियादी सुविधा मिल रहा है।

उन्होंने कहा कि हम देश के लगभग 27 लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाएं इन 50 वर्षो मे लगातार समय-समय पर शासन का ध्यानाकर्षण करते आ रहे हैं। दुःखद बात यह है कि इन 50 वर्षो मे केन्द्र सरकार की ओर से पारिश्रमिक मानदेय के रूप मे कार्यकर्ता को रूपये 4500/- एवं सहायिका को रूपये 2250/- दिया जा रहा है, जो न्यूनतम वेतन से काफी कम है, इसे जीने लायक वेतन नहीं कहा जा सकता।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं ने बताया कि इसके अलावा और कोई सुविधा ना मंहगाई भत्ता, ना पेशन, ग्रेज्युवेटी, ना समूह बीमा, ना चिकित्सा प्रतिपूर्ति और ना ही पदोन्नति। जब हम अपनी इन बुनियादी सुविधाओ की मांग करते है तो केन्द्र की सरकार राज्य पर राज्य की सरकार केन्द्र के कर्मचारी है कहकर पलड़ा झाड़ लेते है और अपनी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश करती हैं। लेकिन वर्तमान में अब केन्द्र, और छत्तीसगढ़ राज्य दोनों स्थान में आपकी ही सरकार है, हमारी 8 सूत्री मांगो और मन की पीड़ा को महसूस करते हुए पूरा करें। उन्होंने कहा कि अगर हमारी मांगों को सरकार जल्द पूरा नहीं करती है आने वाले समय में प्रदेश संगठन के निर्देश पर उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।

(Udaipur Kiran) / मोहन ठाकुर

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