HimachalPradesh

सुक्खू सरकार जॉब ट्रेनी पॉलिसी के नाम पर युवाओं को करना चाहती है गुमराह : इन्द्र सिंह गांधी

विधायक इंद्र सिंह गांधी।

मंडी, 21 जुलाई (Udaipur Kiran) । विधायक इंद्र सिंह गांधी ने सुक्खू सरकार द्वारा सरकारी विभागों, बोर्डों और निगमों में ग्रुप-ए, बी और सी के पदों पर भर्ती पर सुक्खू सरकार की नई योजना का कड़े शब्दों में विरोध किया है । उन्होंने कहा कि इसके पीछे का मकसद अच्छे उम्मीदवार भर्ती करना नहीं बल्कि पैसे बचाना है ताकि पूरा वेतन देने से बच सकें।

मंडी जिला की बल्ह विधानसभा क्षेत्र के विधायक इंद्र सिंह गांधी ने कहा कि कांग्रेस की सरकारे हमेशा से बेरोजगार के साथ छल करती आई है, जिसके कारण प्रदेश के युवा आज सड़कों पर बेरोजगार बनकर उभर रहे हैं । इन्द्र सिंह गाँधी ने आरोप लगाया कि भर्ती के लिए स्वायत्त निकायों और एजेंसियों की भूमिका अस्पष्ट है, जिससे भ्रष्टाचार या पक्षपात का डर हो सकता है। इसके अलावा, ट्रेनी को अतिरिक्त काम के बिना समान लाभ न मिलने से शोषण करना है।

उन्होंने कहा कि हिमाचल की वर्तमान सरकार इस समय में दो साल के कॉन्ट्रैक्ट पीरियड को भी नियमित करने में अढाई पौने तीन साल लगा रही है तो दूसरी बार टेस्ट में कितनी देरी लगेगी। क्या बैच वाइज नियुक्ति में भी टेस्ट होगा। पालिसी का मतलब रोजगार नहीं देना है। दूसरी बार टेस्ट ले कर भी सरकार अपना खजाना ही भरेगी। चम्बा से टेस्ट देने आना टेस्ट की फीस केवल प्रताड़ना ही है। सत्ती ने यह भी आरोप लगाया कि अभी 31 महीने में केवल 900 नियमित नौकरी इस सरकार ने दी है बाकी वन मित्र आदि कच्ची भर्तियां की है, अब इस पालिसी के बाद नियुक्ति पाने वाले भी इस सरकार में पक्के नही होंगे। सरकार 31 महीने में टेस्ट नहीं करवा पाई वो नियुक्ति के 24 महीने बाद क्या करवा पाएगी, इस पर प्रश्न चिन्ह है। मतलब इस सरकार में पक्की नौकरी मिलेगी ही नहीं।

उन्होंने कहा जॉब ट्रेनी पॉलिसी 2025 युवाओं के भविष्य पर नकारात्मक प्रभाव डालेगी। इसके माध्यम से पेशेवरता और प्रशासनिक सुधार लाने का दावा किया गया है, लेकिन परिणामस्वरूप युवाओं में असुरक्षा, मानसिक तनाव, और आर्थिक दबाव में वृद्धि हो सकती है। इस पालिसी से स्पष्ट है कि हिमाचल सरकार युवा विरोधी है। हम इसका विरोध करते है।

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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा

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