नदिया, 27 जून (Udaipur Kiran) । कालीगंज उपचुनाव में तृणमूल कांग्रेस की जीत के बाद हुए विजय उत्सव में हुए बम हमले में चौथी कक्षा की छात्रा तमन्ना की मौत से पूरे इलाके में शोक और आक्रोश का माहौल है। शुक्रवार को केंद्रीय राज्य मंत्री और पश्चिम बंगाल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार का तमन्ना के परिवार से मिलने का कार्यक्रम तय था। लेकिन इससे पहले ही एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है।
भाजपा का आरोप है कि सुकांत मजूमदार के पहुंचने से पहले ही तमन्ना का घर ताला बंद कर दिया गया और उसका पूरा परिवार गायब है। सवाल उठ रहे हैं – आखिर तमन्ना का परिवार कहां गया?
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जानकारी के अनुसार, पुलिस तमन्ना की मां का आज अदालत में गुप्त रूप से बयान दर्ज कराने के लिए उन्हें घर से लेकर पालाशी के मीर फाड़ी ले गई, वहां से उन्हें कृष्णनगर कोर्ट ले जाया गया। भाजपा का आरोप है कि यह एक सोची-समझी साजिश है ताकि केंद्रीय मंत्री पीड़िता के परिवार से न मिल सकें।
भाजपा के प्रतिनिधि दल -सांसद जगन्नाथ सरकार और नदिया दक्षिण के भाजपा जिलाध्यक्ष अर्जुन विश्वास ने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस यह सुनिश्चित करना चाहती है कि इलाके में भाजपा की कोई उपस्थिति न हो। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा पीड़िता के परिवार से मिलती है, तो शासक दल की मुश्किलें बढ़ेंगी।
इससे पहले, तमन्ना की मां ने भी पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा कि पुलिस घर के बाहर जरूर मौजूद है, लेकिन उनसे कोई संवाद नहीं कर रही है। कई आरोपितों को अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।
स्थानीय लोगों का दावा है कि गांव में अब भी बम छिपाकर रखे गए हैं, लेकिन पुलिस उन्हें जब्त करने की दिशा में कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। इससे गांव में डर और असुरक्षा का माहौल बना हुआ है।
गौरतलब है कि 19 जून को कालीगंज विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ था और 23 जून को वोटों की गिनती से पहले ही तृणमूल कार्यकर्ताओं ने जीत का जश्न मनाना शुरू कर दिया था। आरोप है कि इसी दौरान मुलानादी गांव में माकपा समर्थकों के घरों पर बमबारी की गई, जिसमें 10 वर्षीय तम्मना की मौत हो गई।—————
(Udaipur Kiran) / धनंजय पाण्डेय
