Jharkhand

बिनोद बिहारी महतो के आदर्शों की अनदेखी कर रही सरकार : सुदेश

श्रद्धांजलि देते सुदेश महतो सहित अन्‍य

रांची, 23 सितंबर (Udaipur Kiran News) । झारखंड आंदोलन के प्रणेता बिनोद बिहारी महतो की 102वीं जयंती आजसू पार्टी के केंद्रीय कार्यालय, हरमू में मंगलवार को मनाई गई।

इस अवसर पर उनकी स्मृति में 102 दीप प्रज्वलित कर उनके अमर योगदान को नमन किया गया। साथ ही, उनके पुत्र आजसू के पूर्व केंद्रीय उपाध्यक्ष राजकिशोर महतो की जयंती पर भी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

मौके पर आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो ने कहा कि बिनोद बिहारी महतो ने मजदूर वर्ग, विस्थापितों और वंचित समुदाय को संगठित कर पढ़ो और लड़ो जैसे क्रांतिकारी नारे के साथ झारखंड आंदोलन को नई दिशा दी। उनका संघर्ष केवल राज्य निर्माण तक सीमित नहीं था, बल्कि एक समानतापूर्ण और बौद्धिक झारखंड के निर्माण का सपना था।

वहीं राजकिशोर महतो ने भी अपने पिता के सपनों को आगे बढ़ाते हुए सामाजिक और राजनीतिक चेतना को मजबूत किया।

बंगाल पुलिस ने निर्दोष लोगों पर किया अत्याचार

सुदेश ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज जबरन विस्थापन, रोजगार की कमी और सरना धर्म कोड, पेसा कानून और एसटी वर्ग के अधिकारों पर मौन नीति, सरकार की असंवेदनशीलता को दर्शाती है।

उन्होंने कहा कि जिस तरह कोटशिला में हालिया रेल टेका आंदोलन के दौरान बंगाल पुलिस ने निर्दोष लोगों पर अत्याचार किया, वह लोकतांत्रिक अधिकारों का खुला उल्लंघन है। यह स्पष्ट करता है कि वर्तमान सरकार समाज को बांटने और हक से वंचित करने की राजनीति कर रही है।

मौके पर पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता डॉ देव शरण भगत ने कहा कि झारखंड की परिकल्पना एक समतापूर्ण और न्यायपूर्ण समाज की थी, जो आज न तो दिशापूर्ण है और न ही न्यायपूर्ण है। उन्होंने कहा कि बिनोद बिहारी महतो का दिया हुआ संदेश पढ़ो और लड़ो आज भी युवाओं के लिए शिक्षा और जागरूकता का सबसे बड़ा प्रेरणा सूत्र है।

कार्यक्रम को केंद्रीय उपाध्यक्ष हसन अंसारी, केंद्रीय महासचिव राजेंद्र मेहता, जिला परिषद अध्यक्ष निर्मला भगत, संजय मेहता सहित अन्य वक्ताओं ने भी बिनोद बाबू और राजकिशोर महतो की नीतियों को आत्मसात कर झारखंड को मजबूत करने का संकल्प दोहराया।

—————

(Udaipur Kiran) / Vinod Pathak

Most Popular

To Top