देहरादून, 5 सितंबर (Udaipur Kiran) । दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र व ‘लतिका’ फाउंडेशन की ओर से आज शाकम केंद्र के सभागार में सुचित्रा शेनॉय की पुस्तक ‘मोय मोयस् सर्किल : ए ट्रू स्टोरी ऑफ लव, डिसेबिलिटी एंड द वर्ल्ड वी कैन बिल्ड टुगेदर ‘ का विमोचन किया गया। विमोचन के बाद ज्योत्स्ना बरार ने पुस्तक के लेखक सुचित्रा शेनॉय के साथ एक चर्चा भी की।
शिक्षक दिवस के अवसर पर ‘मोय मोयस् सर्कल’ की लेखिका एवं बौद्ध शिक्षिका सुचित्रा शेनॉय और वेल्हम गर्ल्स स्कूल की पूर्व प्रधानाध्यापिका ज्योत्सना बरार के बीच चर्चा में बताया गया कि चोपड़ा मैकगोवन ने एक बच्चे मोय मोय को गोद लेने से लेकर देहरादून की एक अग्रणी विकलांगता संगठन, लतिका तक की स्थापना कैसे हुई। 30 साल पहले, तीन छात्रों के समूह से शुरू होकर, यह संस्था अब देहरादून के अपने छह केंद्रों में सैकड़ो बच्चों को प्रत्यक्ष सेवाएं प्रदान करती है. यही नहीं यह संस्था उत्तराखंड और उसके बाहर हजारों अन्य लोगों के जीवन को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की कोशिस कर रही है।
इस पुस्तक पर राजमोहन गांधी, रामचंद्र गुहा, नोबेल शांति पुरस्कार सह-विजेता जेरी व्हाइट और पूर्व आरबीआई गवर्नर डी. सुब्बाराव जैसी हस्तियों की प्रशंसा पर चर्चा की गई। इस पुस्तक को गर्मजोशी, बुद्धिमत्ता और कोमलता के भावों से युक्त एक गहन नैतिकता व गंभीरतापूर्ण कार्य बताया गया है।
उल्लेखनीय है कि शेनॉय की पिछली कृतियों में माइंडफुल पेरेंटिंग और पुरस्कार के लिए नामांकित पुस्तक इनफिनिट विज़न : हाउ अरविंद बिकेम द वर्ल्ड्स लार्जेस्ट बिज़नेस केस फॉर कम्पैशन जैसी पुस्तकें शामिल हैं. यह पुस्तकें प्रायः प्रेम, लचीलेपन और समावेशी समुदाय-निर्माण को इस मार्मिक कहानी के माध्यम से समावेश करती दिखती हैं। कुल मिलाकर आज के मोय मोयस् सर्किल पुस्तक के लोकार्पण ने अनगिनत लोगों के दिलों, दिमागों पर समुदायों में बदलाव लाने का अमिट प्रभाव रख छोड़ा।
आज के इस कार्यक्रम में लतिका फाउंडेशन की जो चोपड़ा, कर्नल वी के दुग्गल, लोकेश ओहरी, रणजीत अरोड़ा, कल्याण बुटोला, डॉ. रवि चोपड़ा, इरा चौहान, अजय जोशी, एस के दास, शैलेन्द्र नौटियाल, रमेश कुड़ियाल, पूरन बर्तवाल, चंद्रशेखर तिवारी, अरुण कुमार असफल,एस के दास, सुन्दर सिंह बिष्ट, रजनीश त्रिवेदी आदि मौजूद रहे।
(Udaipur Kiran) / विनोद पोखरियाल
