Madhya Pradesh

सफलता एक सतत प्रक्रिया है और उसके लिए परिश्रम आवश्यक है–प्रोफेसर गौतम

प्रोफेसर गौतम का संबोधन
अतिथि ने माल्यार्पण किया
नृत्य नाटिका का प्रस्तुतीकरण

झाबुआ, 13 जुलाई (Udaipur Kiran) । शरीर जैसे स्वंय ही कई रोगों से लड़ने की क्षमता रखता है, वैसे ही प्रयास और परिश्रम असफलताओं को सफलता में तब्दील कर देते हैं। इसलिए मनुष्य को चाहिए कि वह बार-बार मिलने वाली असफलताओं से घबराए नहीं, बल्कि सतत परिश्रम और बार बार प्रयास करता रहे, क्यौंकि सफलता एक सतत प्रक्रिया है और उसके लिए परिश्रम अत्यंत आवश्यक है।

उक्त प्रेरणादायक विचार देश के लब्धप्रतिष्ठ विचारक, पर्यावरविद् एवं वैज्ञानिक प्रोफेसर संत प्रसाद गौतम ने जिला पुलिस द्वारा पुलिस लाइन में रविवार को करियर एवं जीवन दर्शन विषय पर आयोजित कार्यकम में अतिथि वक्ता के रूप में अपने उद्बोधन में व्यक्त किए।

कार्यक्रम के दौरान जिला पुलिस अधीक्षक पद्मविलोचन शुक्ल, श्रीमती मधुलिका शुक्ल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रतिपालसिंह महोबिया, प्रोफेसर के के त्रिवेदी, एसडीओपी झाबुआ श्रीमती रूपरेखा यादव, एसडीओपी पेटलावद सुश्री अनुरक्ति साबनानी, डीएसपी कमलेश शर्मा, डीएसपी गिरीश कुमार जेजुरकर, छात्र-छात्राएं एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

प्रोफेसर गौतम ने अपने व्याख्यान में युवाओं को सफलता के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी को अर्जुन की भांति अपने लक्ष्य पर एकाग्र होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पढ़ाई को बोझ न मानते हुए उसमें आनंद ढूँढना चाहिए, जिससे विषय पर पकड़ मजबूत होती है और दीर्घकालीन स्मरण क्षमता विकसित होती है। अपने वक्तव्य में उन्होंने यह भी कहा कि करियर का चुनाव अपनी रुचियों के आधार पर करना चाहिए, न कि दूसरों के दबाव में। यदि हम अपने कार्य में रुचि रखते हैं, तो सफलता की राह भी आसान और आनंदमय हो जाती है।

कार्यक्रम में मौजूद आमजन को संबोधित करते हुए उन्होंने श्रेष्ठ जीवन दर्शन पर भी प्रकाश डालते हुए श्री रामचरितमानस एवं श्रीमद्भगवद्गीता जैसे ग्रंथों में समाए महान् आदर्शों से सीख लेने की प्रेरणा दी। उन्होंने जीवन में सकारात्मक सोच, आत्मविश्लेषण और नैतिक मूल्यों को अपनाने पर बल दिया।

जिला पुलिस अधीक्षक पद्मविलोचन शुक्ल ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में आयोजित कार्यक्रम का उद्देश्य स्पष्ट करते हुए कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य जिले के युवाओं को करियर के प्रति मार्गदर्शन देना तथा आमजन को जीवन के विभिन्न पहलुओं पर विचारशील बनाना रहा। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि वक्ता के रूप में पधारे देश के ख्यातिप्राप्त प्रोफेसर संत प्रसाद गौतम का परिचय देते हुए बताया कि प्रोफेसर गौतम के नाम 125 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित हैं, एवं उन्होंने दर्जनों वैज्ञानिक पेटेंट भी हासिल किए हैं। शुक्ल ने विश्वास जताया कि यह कार्यशाला छात्रों के लिए प्रेरणादायक सिद्ध होगी, विशेष रूप से उन छात्रों के लिए जो विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि वक्ता के रूप में भाग लेने आए प्रोफेसर संत प्रसाद गौतम का स्वागत अभिनन्दन किया गया। कार्यक्रम के आरंभ में अतिथि वक्ता ने दैवी सरस्वती के चित्र पर पुष्प हार समर्पित किया। कार्यशाला में विभिन्न नुक्कड़ नाटक के माध्यम से नशामुक्ति, यातायात नियम, हेलमेट की उपयोगिता एवं अन्य विषयों पर जागरूक किया गया।

उल्लेखनीय है कि प्रोफेसर संत प्रसाद गौतम एक प्रतिष्ठित भारतीय पर्यावरणविद्, वैज्ञानिक और प्रशासनिक विशेषज्ञ हैं, जो केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सी पी सी बी), नई दिल्ली के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत रहे। अपने पद पर रहते हुए उन्होंने देश में वायु, जल और पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए नीतिगत दिशा-निर्देश तैयार करने में अहम भूमिका निभाई। वे रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर के कुलपति रहे हैं और मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के रूप में भी उन्होंने अपनी सेवाएं दी हैं। उनके नाम 125 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित हैं और दर्जनों वैज्ञानिक पेटेंट्स दर्ज हैं। मोलिक्यूलर बायोलॉजी और पर्यावरण विज्ञान के क्षेत्रों में उन्होंने भारत का वैश्विक स्तर पर प्रतिनिधित्व भी किया है।

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(Udaipur Kiran) / डॉ. उमेश चंद्र शर्मा

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