शिमला, 21 नवंबर (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश सरकार ने छात्रों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए डॉ. यशवंत सिंह परमार विद्यार्थी ऋण योजना शुरू कर दी है। यह एक विशेष ब्याज सब्सिडी शिक्षा ऋण योजना है। इसके तहत प्रदेश के युवा अब मात्र एक प्रतिशत ब्याज दर पर उच्च, तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा के लिए ऋण प्राप्त कर सकेंगे। सरकार का उद्देश्य है कि आर्थिक तंगी के कारण कोई भी छात्र अपनी पढ़ाई से वंचित न रहे और बिना वित्तीय बोझ के अपने सपनों को आगे बढ़ा सके।
उच्च शिक्षा विभाग के प्रवक्ता ने शुक्रवार को बताया कि यह योजना हिमाचल प्रदेश में स्थित किसी भी अधिसूचित बैंक से शिक्षा ऋण लेने वाले पात्र छात्रों पर लागू होगी। योजना के तहत इंजीनियरिंग, मेडिकल, मैनेजमेंट, फार्मेसी, पैरामेडिकल, नर्सिंग, लॉ जैसे व्यावसायिक तथा तकनीकी डिग्री और डिप्लोमा कोर्स शामिल हैं। इसके साथ ही आईटीआई, पॉलिटेक्निक, पोस्ट-ग्रेजुएशन और पीएचडी के लिए भी लोन उपलब्ध होगा, बशर्ते संस्थान एआईसीटीई, एनएमसी, यूजीसी, बीसीआई, एआइएमए, पीसीआई, आईएनसी आदि मान्यता प्राप्त नियामक संस्थाओं से मान्य हो।
उन्होंने कहा कि यह योजना भारत और विदेश में पढ़ाई करने वाले छात्रों दोनों पर लागू होगी। यह उन विद्यार्थियों के लिए भी उपलब्ध है जो नए प्रवेश ले रहे हैं या पहले से पढ़ाई कर रहे हैं। योजना के तहत छात्र 20 लाख रुपये तक का शिक्षा ऋण ले सकते हैं, जिसमें ट्यूशन फीस, छात्रावास शुल्क, भोजन, किताबें, लैब उपकरण और अन्य शैक्षणिक खर्च शामिल होंगे।
प्रवक्ता के अनुसार इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक के परिवार की वार्षिक आय 12 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। वहीं ऋण लेने की अधिकतम आयु सीमा प्रवेश या पंजीकरण की तारीख तक 28 वर्ष रखी गई है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने इस योजना के संचालन के लिए शिमला मॉल रोड स्थित यूको बैंक को नोडल बैंक नियुक्त किया है। योजना से संबंधित विस्तृत जानकारी और आवेदन प्रक्रिया उच्च शिक्षा विभाग की आधिकारिक वेबसाइट
https://education.hp.gov.in/
पर उपलब्ध है।
उन्होंने कहा कि यह सब्सिडी वाला शिक्षा ऋण हजारों युवाओं को अपनी पढ़ाई आगे बढ़ाने और बेहतर करियर बनाने में महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करेगा।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा