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विद्यार्थियों ने नई न्याय व्यवस्था पर आधारित प्रदर्शनी का किया अवलोकन

विद्यार्थियों ने नई न्याय व्यवस्था पर आधारित प्रदर्शनी का किया अवलोकन

जयपुर, 14 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । भारत सरकार द्वारा लागू की गई नई न्याय व्यवस्था—भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए)—के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, मानद विश्वविद्यालय, जयपुर के विद्यार्थियों का एक अध्ययन भ्रमण दल आज जेईसीसी, सीतापुरा में आयोजित विशेष प्रदर्शनी में शामिल हुआ।

जोरावर सिंह गेट स्थित राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के 103 विद्यार्थियों के इस समूह के साथ सात चिकित्सक एवं संस्थान के कर्मचारी भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने भारत सरकार द्वारा निर्मित नई न्याय व्यवस्था के विभिन्न पहलुओं, विशेषकर महिला सुरक्षा, फॉरेंसिक साइंस (एफएसएल), आधुनिक न्याय प्रणाली की तकनीकी प्रक्रियाएँ, तथा नागरिक अधिकारों से संबंधित नए प्रावधानों की विस्तृत जानकारी प्राप्त की। इस कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों ने प्रदर्शनी में लगे विभिन्न इंटरैक्टिव मॉडल्स, वीडियो प्रस्तुति एवं डिजिटल डेमो का अवलोकन किया। विशेषज्ञों ने विद्यार्थियों को बताया कि नई न्याय संहिता का उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना, न्यायिक प्रक्रिया को सरल, त्वरित और नागरिक केंद्रित बनाना है। महिला सुरक्षा और अपराध जांच में नई तकनीकी प्रक्रियाओं जैसे डीएनए टेस्टिंग, डिजिटल साक्ष्य और ऑनलाइन रिपोर्टिंग सिस्टम के महत्व पर भी जानकारी दी गई।

प्रदर्शनी में विद्यार्थियों को एफएसएल (एफएसएल) द्वारा प्रयोग में लाई जा रही नई तकनीकों का लाइव डेमो दिखाया गया, जिससे उन्हें समझ आया कि आधुनिक विज्ञान और न्याय प्रणाली कैसे मिलकर एक सशक्त और सुरक्षित भारत के निर्माण में सहयोग कर रहे हैं।

राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के कुलपति प्रोफेसर संजीव शर्मा ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि संस्थान विद्यार्थियों को केवल आयुर्वेदिक शिक्षा तक सीमित नहीं रखता, बल्कि उन्हें समग्र व्यक्तित्व विकास और राष्ट्रीय नीतियों से जोड़ने का भी प्रयास करता है। उन्होंने कहा कि ऐसी शैक्षणिक यात्राएँ विद्यार्थियों को राष्ट्र की प्रगति से जोड़ती हैं और उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनने की दिशा में प्रेरित करती हैं।

इस तरह के कार्यक्रमों से के माध्यम से विद्यार्थियों ने कानून, विज्ञान और प्रशासनिक कार्यप्रणाली के बीच समन्वय को प्रत्यक्ष रूप से देखा और समझा कि कैसे न्याय प्रणाली में सुधार से समाज में सुरक्षा और विश्वास की भावना सुदृढ़ होती है।

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(Udaipur Kiran)

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