Haryana

हिसार : सरकारी स्कूलों में जिंदगी दांव पर लगाकर पढ़ाई कर रहे विद्यार्थी

हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने आठ सप्ताह में मांगी विस्तृत रिपोर्ट 30 अक्तूबर को फिर होगी सुनवाई

हिसार, 12 अगस्त (Udaipur Kiran) । हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने राज्य के स्कूलों की जर्जर बिल्डिंगों व इनमें दांव पर लगी बच्चों की जिंदगी पर संज्ञान लेते हुए सरकार से जवाब मांगा है। जिले के लगभग 27 सरकारी स्कूलों में हालात ऐसे ही हैं, जिस पर हरियाणा मानव अधिकार आयोग को इस भयावह हालात पर स्वत: संज्ञान लेते हुए यहां तक कहना पड़ा कि ‘यह सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि बच्चों के जीवन के साथ जुआ है।’जिले के मंगाली गांव का सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। 22 कमरे गिरने के खतरे के कारण सील हो चुके हैं और 480 बच्चे खुले बरामदों में पढ़ाई को मजबूर हैं। डोभी में तो सभी 24 कमरे जर्जर हैं। बच्चों को लाइब्रेरी और लैब में ठूंसकर पढ़ाया जा रहा है। बच्चों का कहना है कि बरसात में पानी टपकता है, सांप का डर भी रहता है, लेकिन फिर भी पढ़ना है तो मजबूरी में इसी हालात में स्कूल जाते हैं।हरियाणा राज्न मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन जस्टिस (सेवानिवृत्त) ललित बत्रा और सदस्यों कुलदीप जैन व दीप भाटिया ने अपने आदेशों में इसे अनुच्छेद 21 और 21ए (जीवन व शिक्षा का अधिकार) के उल्लंघन के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार संधि और मानवाधिकार सार्वभौमिक घोषणा का भी सीधा हनन माना है। पिछले दिनों राजस्थान के जैसलमेर में स्कूल गेट गिरने से सात वर्षीय बच्चे की मौत और झालावाड़ में स्कूल भवन गिरने से 7 बच्चों की मौत का भी जिक्र आदेशों में कहा गया है।आयोग ने सरकार को चेताते हुए कहा कि ऐसे हादसे हरियाणा में न हों, इसके लिए अभी कार्रवाई जरूरी है। आयोग ने आठ सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 30 अक्तूबर को होगी। शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, सैकेंडरी स्कूल एजुकेशन के महानिदेशक, हिसार के जिला उपायुक्त और जिला शिक्षा अधिकारी को नोटिस जारी किया है। उन्हें हर भवन की स्थिति, सुरक्षा इंतज़ाम, वैकल्पिक पढ़ाई व्यवस्था, पुनर्निर्माण का टाइमलाइन व बजट, प्रभावित बच्चों का डेटा और देरी के कारणों पर रिपोर्ट तलब की है।

जिन स्कूलों को खतरनाक सूची में शामिल किया गया है, उसके तहत जिले के गांव धांसू के स्कूल का पूरा भवन ही असुरक्षित है। इसी तरह डोभी स्कूल के 24 कमरे, मंगाली के 22 कमरे, राजली के 16 कमरे, ढाणी मोहब्बतपुर के 12 कमरे, सिसर खरबाला के 11 कमरे, बास स्कूल के 10 कमरे, आर्यनगर स्कूल के 10 कमरे व सीसवाला में 8 कमरे असुरक्षित माने गए हैं। इसी तरह कई अन्य स्कूल हैं जिनमें 2 से 5 कमरे असुरक्षित हैं।

(Udaipur Kiran) / राजेश्वर

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