नाहन, 27 अगस्त (Udaipur Kiran) । पांवटा साहिब उपमंडल की ग्राम पंचायत छ्छेती के तहत आने वाला गांव क्यारी आज भी सड़क जैसी बुनियादी सुविधा से वंचित है। बरसात के चलते गांव का संपर्क मार्ग पूरी तरह से बंद हो चुका है, जिससे ग्रामीणों का जनजीवन प्रभावित हो गया है। स्थिति इतनी भयावह है कि आपातकालीन परिस्थिति में भी लोग गांव से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं।
शनिवार को गांव के करीब 10 छात्र और 4 अध्यापक जान जोखिम में डालकर गिरी नदी और खड्ड को पार करते हुए पहाड़ी चढ़कर किसी तरह शहीद प्रशांत ठाकुर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कुड़ला खरक पहुंचे। इस खतरनाक सफर का वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो प्रशासन की लापरवाही एक बार फिर उजागर हो गई।
ग्रामीणों का कहना है कि बरसात के दिनों में गिरी नदी और साथ बहने वाली खड्ड उफान पर होती है। ऐसे में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। बच्चों को प्रतिदिन 5 किलोमीटर का दुर्गम और जोखिमभरा पैदल रास्ता तय करना पड़ता है। बरसात से पहले जो वैकल्पिक पैदल मार्ग था, वह भी बंद हो चुका है, जिससे गांव के करीब 25 परिवार पिछले दो महीनों से गांव में मानो कैद होकर रह गए हैं।
आपात स्थिति में मरीजों को रात के अंधेरे में खड़ी चढ़ाई पार कर मेडिकल कॉलेज नाहन पहुंचाना पड़ता है। ग्रामीणों ने बताया कि प्रशासन की बेरुखी से तंग आकर उन्होंने खुद ही रास्ता बनाने की कोशिश की, लेकिन कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण सफल नहीं हो सके।
(Udaipur Kiran) / जितेंद्र ठाकुर
