शिवसागर, 08 जुलाई (Udaipur Kiran) । नई शिक्षा नीति के तहत शिवसागर महिला कॉलेज की 18 छात्राएं हथकरघा उद्योग में व्यस्त हैं। वे असमिया पारंपरिक वस्त्र बुनने और तैयार करने की विधि सीख रही हैं। कॉलेज की कक्षा छोड़कर, वे पिछले दो हफ्तों से अधिक समय से शिवसागर शहर के पास स्थित युग टेक्सटाइल नामक हथकरघा उद्योग में इंटर्नशिप कर रही हैं।
कॉलेज में असमिया और इतिहास विषय पढ़ने वाली ये छात्राएं अब हथकरघा उद्योग में खुद को व्यस्त रख रही हैं। इस इंटर्नशिप में कॉलेज की कुल 18 छात्राएं भाग ले रही हैं।
अपने जीवन में पहली बार हथकरघा के करघे पर बैठकर इन शहरी छात्राओं ने बुनाई और कताई से जुड़ी हर छोटी-बड़ी बात सीखी है। करघा सेट करना, सूत लगाना, डिजाइन बनाना, वस्त्र निर्माण की प्रक्रिया—हर पहलू को उन्होंने अनुभव किया।
इस व्यावहारिक अनुभव ने न केवल उनके आत्मविश्वास को बढ़ाया है, बल्कि असमिया बुनाई कला के प्रति भी उनकी रुचि गहरी हुई है। इतना ही नहीं, इंटर्नशिप के दौरान छात्राओं ने आधुनिक वस्त्र संग्रह तैयार करने हेतु आवश्यक कटिंग और टेलरिंग का व्यवस्थित प्रशिक्षण भी प्राप्त किया है।
यह व्यावहारिक शिक्षा छात्राओं को केवल बुनाई कला से ही परिचित नहीं करवा रही, बल्कि उन्हें व्यावसायिक शिक्षा की दिशा में आगे बढ़ने का एक मजबूत आधार भी प्रदान कर रही है। साथ ही, इस पहल के माध्यम से असमिया बुनाई उद्योग में उच्च शिक्षित और दक्ष मानव संसाधनों की भागीदारी सुनिश्चित होगी और इस पारंपरिक शिल्प को एक नया जीवन मिलने की आशा है।
(Udaipur Kiran) / देबजानी पतिकर
