
उदयपुर, 18 जुलाई (Udaipur Kiran) ।
देश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान आईआईटी दिल्ली के सामाजिक जागरूकता समूह एआईएनए (एन इनीशिएटिव फॉर नेशनल एडवांसमेंट) के छात्रों ने शुक्रवार को उदयपुर स्थित प्रताप गौरव केन्द्र राष्ट्रीय तीर्थ का शैक्षणिक-सांस्कृतिक भ्रमण किया। दल ने न केवल मेवाड़ के शौर्य-गौरव से साक्षात्कार किया, बल्कि इतिहास, पुरातत्व, विज्ञान और पर्यावरण संरक्षण जैसे विविध विषयों पर हुई कार्यशाला में भी सक्रिय सहभागिता निभाई।
कार्यशाला में मेवाड़ के ऐतिहासिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक पहलुओं की जानकारी दी गई। राजस्थान विद्यापीठ साहित्य संस्थान के निदेशक डॉ. जीवन सिंह खरकवाल ने मेवाड़ की प्राचीन तकनीकों, खनन व धातुकर्म पर प्रकाश डाला। प्रताप गौरव शोध केन्द्र के अधीक्षक डॉ. विवेक भटनागर ने मेवाड़ के जल संरक्षण प्रयासों और पारंपरिक जलसंरचना की वैज्ञानिकता को रेखांकित किया। विद्या भवन पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अनिल मेहता ने जल वितरण व्यवस्था में ऐतिहासिक और समकालीन तालमेल की महत्ता पर चर्चा की।
वहीं, प्रताप गौरव केन्द्र के निदेशक अनुराग सक्सेना ने महाराणा प्रताप के शौर्य, हल्दीघाटी युद्ध और युद्धोपरांत 450 वर्षों में मेवाड़ के सतत विकास की गाथा को रोचक शैली में प्रस्तुत किया। उन्होंने यह भी बताया कि इस बार प्रताप गौरव केन्द्र की ओर से हल्दीघाटी युद्ध विजय का 450वां वर्ष विविध आयोजनों के साथ मनाया जा रहा है।
समूह में विद्यार्थियों के साथ तीन प्राध्यापक प्रो. नोमेश बोलिया, अंकित सिंघल, तरुण भी शामिल थे। AINA समूह के छात्रों ने कहा कि मेवाड़ केवल वीरता की भूमि नहीं, बल्कि यह विज्ञान, संस्कृति, पर्यावरण और प्रौद्योगिकी के समृद्ध इतिहास की धरोहर है। उन्होंने आश्चर्य जताया कि मेवाड़ की इतनी समृद्ध विरासत होते हुए भी यह पर्याप्त प्रचार से वंचित है। उन्होंने इस पर और शोध करने तथा इस ज्ञान को देश के अन्य भागों में पहुंचाने का संकल्प भी लिया।
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(Udaipur Kiran) / सुनीता
