
हिसार, 2 सितंबर (Udaipur Kiran) । दयानंद कॉलेज के प्राणी शास्त्र विभाग के 21 विद्यार्थियों
का एक दल पांच दिवसीय प्रशिक्षण के लिए मत्स्य पालन अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान,
हिसार के लिए रवाना हुआ। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम विद्यार्थियों को मत्स्य पालन (एक्वाकल्चर)
की नवीनतम तकनीकों, अनुसंधान पद्धतियों तथा व्यावहारिक अनुभव से अवगत कराने के उद्देश्य
से आयोजित किया गया है।
कॉलेज प्राचार्य डॉ. विक्रमजीत सिंह ने मंगलवार काे विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए
कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम छात्रों को व्यवहारिक ज्ञान के साथ-साथ अनुसंधान
एवं रोजगार के नए अवसरों के लिए भी तैयार करते हैं और उन्हें प्रतिस्पर्धात्मक माहौल
में आगे बढ़ने का अवसर देगा। विभागाध्यक्ष डॉ. विवेक श्रीवास्तव ने अपने विचार व्यक्त
करते हुए कहा कि मत्स्य पालन आज के समय में रोजगार और आजीविका का एक प्रमुख स्रोत है।
जल संसाधनों का वैज्ञानिक ढंग से उपयोग कर उत्पादन क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने
बताया कि मत्स्य पालन से आर्थिक विकास के साथ-साथ पोषण सुरक्षा भी सुनिश्चित होती है।
उन्होंने यह भी कहा कि इस क्षेत्र में आधुनिक तकनीक और अनुसंधान का योगदान महत्वपूर्ण
है तथा युवाओं को प्रशिक्षण लेकर आत्मनिर्भर बनने का अवसर प्राप्त हो सकता है।
विषय अध्यापिका डॉ. मीनाक्षी जिंदल ने कहा कि विद्यार्थियों का यह अनुभव न
केवल शैक्षणिक दृष्टि से बल्कि व्यक्तिगत विकास के लिए भी अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा।
दल के कॉन्टिन्जेंट इंचार्ज शुभम ने दल का मार्गदर्शन किया। प्रशिक्षण अवधि के दौरान
विद्यार्थी तालाब प्रबंधन, बीज उत्पादन, जलीय प्राणियों की देखभाल और मत्स्य पालन की
आधुनिक विधियों का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त करेंगे। संस्थान के विशेषज्ञ वैज्ञानिक
उन्हें प्रायोगिक कार्यशालाओं और फील्ड विजिट्स के माध्यम से मार्गदर्शन दें सके।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर
