
उमरिया, 12 जुलाई (Udaipur Kiran) । जिले के सीएम राइज स्कूल करकेली परिसर में स्कूल की शोभा बढ़ा रही इन 9 स्कूल बसों को 1 किलोमीटर से लेकर 15 किलोमीटर दूर तक के छात्रों को उनके गांव से लाने और ले जाने के लिए खड़ा किया गया है, अनुबंध के मुताबिक बस आपरेटर से इन बसों को अप्रैल के महीने से खड़ा कराया गया था, लेकिन संचालन अब तक शुरू नहीं हुआ। ऐसा यहाँ भर नहीं, सी एम राइज स्कूल मानपुर में भी है, पहले तो बसों में जरूरी सुरक्षा मानकों की खामियों को बताकर संचालन रुका रहा, लेकिन उनके पूरा होने के बाद, अब संचालन की अनुमति के लिये फाइल दफ्तरों के चक्कर काट रही है और छात्र बरसात के इस मौसम में पैदल साइकिल सहित किराए के वाहनों के भरोसे स्कूल पहुंच रहे है। दोनों ही सीएम राइज स्कूल में छात्र संख्या हजारों में है और ज्यादातर गाँवो से बारिश के मौसम में आवागमन प्रभावित होता है।
मसलन बच्चों को स्कूल तक पहुंचने में अच्छी खासी परेशानी होती है, बाबजूद इसके जिम्मेदार अफसर अर्थात सी ई ओ जिला पंचायत बसों के संचालन की फाइल को अटका कर रखे है, सरकार निजी स्कूलों की तर्ज पर सरकारी स्कूल में बेहतर सुविधा देने की मंशा से सीएम राइज स्कूल खोली थी जिसे अब सांदीपनी विद्यालय नाम दे दिया गया है, लेकिन जिले मे व्याप्त अफसरशाही और मनमानी के चलते इसे भी खटाई में डाल दिया है।
कक्षा 9 के छात्र शिवम् ने बताया कि हम 7 से 8 किलोमीटर दूर से आते हैं, ऑटो से आते हैं 20 रूपये रोज देना पड़ता है तो वहीं कक्षा 10 की छात्रा पुष्पलता ने बताया कि हम दूर से आते हैं 600 रुपया महीना किराया देते हैं, इतना ही नहीं 5 किलोमीटर दूर से आने वाली कक्षा 11 की छात्रा सुमन का कहना है कि हम मनोज बस से आते हैं 5 रुपया आने का और 5 रुपया जाने का रोज देते हैं कभी – कभी बस छूट भी जाती है।
वहीं सी एम राइज स्कूल करकेली के प्राचार्य डॉक्टर ए पी सिंह ने बताया कि बसें तो आ गईं हैं, प्रारम्भ में जो बसें आईं थी उसमें फार्मेलिटी पूरी नहीं थी उनमें, तब मालिक को बोला गया कि आप फार्मेलिटी पूरी कीजिये, अब ज़ब फार्मेलिटी पूरी हो गई है तो अनुमति के लिये कलेक्टर साहब के पास आवेदन गया है। डी ई ओ साहब के माध्यम से, वहां आवेदन कीजिए अब उसे माध्यम से आवेदन किया गया और अभी फाइल सी ई ओ साहब के यहां है, जैसे ही वहां से अनुमति मिलेगी तब बसों का संचालन शुरू किया जाएगा।
वही जब पूछा गया छात्र 600-600 रूपये महीने किराया लगाकर स्कूल आ रहे हैं तो इसकी भरपाई कौन करेगा, तब प्राचार्य ने कहा कि अभी जब तक बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है तब तक अभिभावकों की अपनी व्यवस्था थी जब बसों का संचालन शुरू हो जाएगा तो सारे बच्चों के अभिभावकों को इससे मुक्ति मिल जाएगी।
गौरतलब है कि सीईओ जिला पंचायत उमरिया की हटधर्मिता के कारण ग्रामीण भर नहीं हर विभाग के लोग त्रस्त हैं, यदि यही अनुमति समय से मिल जाती तो बसों का संचालन शुरू हो जाता और प्रदेश के मुखिया की मंशा पर पानी नहीं फिरता। आवश्यकता है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री इस पर संज्ञान लेकर बच्चों के भविष्य को संवारने का कार्य करें।
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(Udaipur Kiran) / सुरेन्द्र त्रिपाठी
