West Bengal

बांकुड़ा मेडिकल कॉलेज में फर्जी जाति प्रमाणपत्र पर दाखिला, चार साल बाद छात्रा निष्कासित

बांकुड़ा सम्मिलनी मेडिकल कॉलेज

बांकुड़ा, 15 जुलाई (Udaipur Kiran) । फर्जी अनुसूचित जनजाति प्रमाणपत्र के आधार पर बांकुड़ा सम्मिलनी मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेने वाली छात्रा जुही कोले को कॉलेज प्रशासन ने निष्कासित कर दिया है। चार वर्षों तक डॉक्टरी की पढ़ाई करने के बाद यह खुलासा हुआ कि उसका जाति प्रमाणपत्र फर्जी था। मामले के उजागर होते ही कॉलेज प्रशासन ने छात्रा के खिलाफ बांकुड़ा सदर थाना में लिखित शिकायत दर्ज कराई है।

कॉलेज सूत्रों के अनुसार, जुही कोले ने 2022 में नीट परीक्षा पास करने के बाद अनुसूचित जनजाति आरक्षित सीट पर बांकुड़ा सम्मिलनी मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया था। लेकिन उसके उपनाम और जातिगत प्रमाणपत्र को देखकर कॉलेज प्रशासन को संदेह हुआ। चूंकि प्रमाणपत्र जलपाईगुड़ी जिले से जारी हुआ था, इसलिए उसकी सत्यता की जांच के लिए उसे वहां के एसडीओ कार्यालय में भेजा गया। इसके साथ ही प्रमाणपत्र की जांच के लिए पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग में भी आवेदन किया गया।

हाल ही में दोनों विभागों से यह पुष्टि हुई कि जुही कोले द्वारा प्रस्तुत किया गया जाति प्रमाणपत्र जाली है। इसके बाद आदिवासी संगठनों ने कॉलेज परिसर में विरोध प्रदर्शन किया और छात्रा को तत्काल निष्कासित करने की मांग को लेकर कॉलेज घेराव किया। जनदबाव बढ़ने के कारण स्वास्थ्य भवन ने सोमवार शाम कॉलेज को निर्देश दिया कि छात्रा को तत्काल निष्कासित किया जाए।

इसके बाद कॉलेज प्रशासन ने न केवल छात्रा को निष्कासित किया, बल्कि उसके खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में बांकुड़ा सदर थाने में शिकायत भी दर्ज कराई।

इस पूरे घटनाक्रम पर कॉलेज के प्राचार्य पंचानन कुंडू ने मंगलवार को कहा कि 2022 के अंत में उसका दाखिला हुआ था जो प्रमाणपत्र उसने जमा किया था, वह संदेहास्पद लगा। स्वास्थ्य भवन की निगरानी में जांच शुरू हुई और उनके निर्देश मिलते ही छात्रा को कॉलेज से हटा दिया गया।

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(Udaipur Kiran) / धनंजय पाण्डेय

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