Uttar Pradesh

विद्यार्थी परिषद का संघर्ष व मेहनत लाया रंग, एन. सी. छात्रावास खाली करेगी पी.ए.सी.

गोरखपुर, 11 अगस्त (Udaipur Kiran) । अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, जो वर्ष के 365 दिन छात्र हितों के लिए सक्रिय और संघर्षशील संगठन है, ने एक बार फिर अपने समर्पण और प्रतिबद्धता का प्रमाण दिया है। विगत चार वर्षों से विद्यार्थी परिषद लगातार दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के नाथ चंद्रावत (एन.सी.) छात्रावास को पी.ए.सी. से खाली कराने की मांग उठा रही थी। प्रत्येक ज्ञापन, आंदोलन और वार्ता में परिषद ने इस मुद्दे को प्राथमिकता दी।

विद्यार्थी परिषद इस विषय पर कुलपति, कमिश्नर, जिले के जिलाधिकारी, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा से लेकर विभिन्न प्रशासनिक अधिकारियों तक कई बार लिखित एवं मौखिक रूप से अपनी बात रखती रही, और छात्रावास को विद्यार्थियों के हित में वापस दिलाने की मांग करती रही। छात्रावास को विद्यार्थियों हेतु पी.ए.सी से खाली कराने हेतु उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री से भी मिलकर विषय को विस्तार से उनके संज्ञान में डाला, छात्र हितों के लिए इसकी आवश्यकता और महत्व को रेखांकित किया था।सोमवार को मुख्यमंत्री ने इस पर संवेदनशीलता दिखाते हुए पी.ए.सी. को छात्रावास खाली करने का आदेश जारी किया, जो निस्संदेह विद्यार्थियों के हित में ऐतिहासिक कदम है।

अभाविप गोरक्ष प्रांत मंत्री मयंक राय ने कहा कि यह फैसला साबित करता है कि अभाविप अन्य छात्र संगठनों की तरह सिर्फ औपचारिकता नहीं निभाती। विद्यार्थी परिषद छात्र हितों के लिए साल के 365 दिन संघर्ष करती है—चाहे वह संघर्ष सड़क पर हो या संसद तक। विद्यार्थियों के विकास और अधिकारों के लिए अभाविप पूर्णतः समर्पित है। इसी निरंतर संघर्ष का परिणाम है कि विश्वविद्यालय के सबसे बड़े छात्रावास को से पी.ए.सी. से कब्जा मुक्त किया जा रहा है। मुख्यमंत्री का यह निर्णय स्वागत योग्य है, आर्थिक दृष्टि से कमजोर विद्यार्थियों को इससे सीधा लाभ मिलेगा। बड़ी संख्या में छात्र अब छात्रावास सुविधा का लाभ उठा सकेंगे, जिससे उनकी पढ़ाई और विकास दोनों में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।”

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(Udaipur Kiran) / प्रिंस पाण्डेय

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