
जम्मू, 4 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । नाट्य निर्देशक बलवंत ठाकुर के बहुप्रतीक्षित नाटक ‘छूना है आसमान’ का मंचन शनिवार को नटरंग स्टूडियो थिएटर में किया गया। यह प्रस्तुति उनकी नई नाट्य कार्यप्रणाली पर आधारित रही जिसे मुख्य रूप से थिएटर ऑफ इमेजेज से प्रेरणा लेकर तैयार किया गया। नाटक ने युवा पीढ़ी को जीवन में उत्कृष्टता की ओर प्रेरित करने का संदेश दिया। नाटक की सबसे बड़ी विशेषता इसकी प्रस्तुति शैली रही जिसमें संवादों के बजाय समूह कलाकारों की रचनात्मक रचनाओं और प्रभावशाली दृश्य भाषा के माध्यम से पूरा कथानक दर्शाया गया। इसमें युवाओं से जुड़ी समस्याओं—जैसे नशे की लत और बुजुर्गों के प्रति सम्मान में कमी—को उजागर किया गया। नाटक का केंद्रीय पात्र एक युवा है जो प्रगतिशील राष्ट्रों की तरह आगे बढ़ना चाहता है लेकिन समाज में व्याप्त नकारात्मकता, छोटे-छोटे झगड़े और विघटनकारी ताकतों के चलते निराश होता है।
प्रस्तुति में यह संदेश दिया गया कि प्रगति और विकास का मार्ग केवल शांति, आपसी सौहार्द और सकारात्मक सोच से ही प्रशस्त हो सकता है। नाटक का समापन युवाओं की इस शपथ के साथ हुआ कि वे छोटे-मोटे मुद्दों से ऊपर उठकर नई ऊँचाइयों को छुएंगे और समाज को समृद्धि व शांति की ओर ले जाएंगे।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा
