
मुंबई , 25जुलाई (Udaipur Kiran) । ठाणे का पर्यटन स्थल येऊर पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र है। इसलिए अब ठाणे नगर निगम के नगर विकास विभाग द्वारा जारी निर्माण अनुमति के बिना येऊर में किसी भी प्रकार की निर्माण सामग्री का परिवहन नहीं किया जा सकेगा। साथ ही, जिन लोगों को निर्माण अनुमति प्राप्त हुई है, उन्हें वन विभाग के प्रवेश द्वार पर स्थित चेकपॉइंट पर निर्माण सामग्री का औपचारिक रिकॉर्ड, निर्माण सामग्री का प्रकार और वाहनों की विस्तृत जानकारी देना अनिवार्य किया गया है।
बताया जाता है कि माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार येऊर में अनधिकृत टर्फ पर कार्रवाई चल रही है।आज नगर निगम मुख्यालय में आयोजित एक बैठक में आयुक्त सौरभ राव ने इसकी समीक्षा की गई । मनपा आयुक्त सौरभ राव की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में अपर आयुक्त प्रशांत रोडे, पुलिस उपायुक्त प्रशांत कदम, संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र के वन अधिकारी मयूर सुरवसे, विधि अधिकारी मकरंद काले, उपायुक्त शंकर पटोले, उपायुक्त दिनेश तायडे, उपायुक्त मधुकर बोडके, नगरीय विकास विभाग के कार्यपालक अभियंता देवेंद्र नेर आदि उपस्थित थे।
ठाणे में येऊर में 10 टर्फ संरचनाओं में से 8 संरचनाओं को पहले ही बेदखल किया जा चुका है। उपायुक्त दिनेश तायडे ने बैठक में बताया कि शेष एक टर्फ को हटाने की समय सीमा समाप्त हो जाने के कारण एक टर्फ को हटाने की प्रक्रिया चल रही है।
येऊर में अनधिकृत व्यावसायिक संरचनाओं का सर्वेक्षण करते समय, अतिक्रमण विभाग नगरीय विकास विभाग और संपत्ति कर विभाग के सहयोग से भौतिक निरीक्षण करे। इसमें सभी अनधिकृत व्यावसायिक संरचनाओं को उनके प्रकार के अनुसार वर्गीकृत किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि भूमि का उपयोग उसी उद्देश्य के लिए किया जाए जिस प्रकार की अनुमति उन्हें दी गई है। आयुक्त सौरभ राव ने स्पष्ट किया कि यह जाँच की जानी चाहिए कि क्या उनके पास पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र की अनुमति, नगर निगम से निर्माण परमिट और खाद्य एवं औषधि प्रशासन से लाइसेंस है। उन्होंने यह भी कहा कि सहायक आयुक्त अनाधिकृत निर्माण के खिलाफ तुरंत मामला दर्ज करें।
आज मनपा की बैठक में आयुक्त राव ने बताया कि येउर में वायुसेना को भी वहाँ निर्माण और प्रकाश व्यवस्था के बारे में शिकायतें मिली हैं। इस पर तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए। साथ ही, इस क्षेत्र में उच्च-शक्ति वाले लैंप का उपयोग भी प्रतिबंधित है। इसलिए, नगर निगम की ओर से महावितरण कंपनी को उच्च-वोल्टेज बिजली आपूर्ति प्रदान करते समय सावधानी बरतने के निर्देश भेजे जाएँगे,।
आयुक्त राव ने इस बैठक में यह भी स्पष्ट किया कि निजी बंगला मालिकों को अपने परिसर में अनावश्यक प्रकाश व्यवस्था, लाउडस्पीकर का उपयोग और पटाखे नहीं फोड़ने चाहिए। इस संबंध में, पिछले कुछ वर्षों में येउर में 188 लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं। इस बीच, पुलिस उपायुक्त ज़ोन 5 के प्रशांत कदम ने बताया कि पटाखे फोड़ने, लाउडस्पीकर बजाने आदि के मामलों में 18 मामले दर्ज किए गए हैं।
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(Udaipur Kiran) / रवीन्द्र शर्मा
