
रांची, 6 नवंबर (Udaipur Kiran) । स्वास्थ्य विभाग झारखंड की ओर से स्थित बीएनआर चाणक्य सभागार में गुरूवार को मेडिकल मैनेजमेंट एट आईसीयू-सीसीयू ऑफ झारखंड विषय पर रिजनल कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। विभाग के विशेष सचिव डॉ नेहा अरोड़ा ने कहा कि अब जिला अस्पताल सिर्फ रेफरल सेंटर नहीं रहेंगे, बल्कि गंभीर मरीजों को स्थिर करने और प्राथमिक उपचार देने में सक्षम बनेंगे। यहां आईसीयू और सीसीयू व्यवस्था को सशक्त किया जाए। सरकार और निजी क्षेत्र मिलकर ऐसा तंत्र विकसित करें, जिससे हर मरीज को समय पर जीवन रक्षक चिकित्सा मिल सके। उन्हाेंने कहा कि राज्य के पांच मेडिकल कॉलेजों में पहले से ही आईसीयू की सुविधाएं उपलब्ध हैं। बाकि अन्य जिला अस्पतालों में भी इसे विस्तारित किया जाए।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अभियान निदेशक शशि प्रकाश झा ने कहा कि विभाग का लक्ष्य है कि हर जिला अस्पताल में सशक्त आईसीयू और क्रिटिकल केयर यूनिट स्थापित हों। उन्होंने कहा कि संसाधनों की कमी नहीं है, जरूरत है प्रबंधन और उपयोग की दक्षता बढ़ाने की।
अपर सचिव विद्यानंद शर्मा पंकज ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार अस्पतालों में चिकित्सा प्रबंधन करने के लिए स्पष्ट और मानकीकृत गाइडलाइंस तैयार की जा रही हैं। विभाग ने एक ड्राफ्ट स्टैंरडर्ड ओपरेटिंग प्रोसीडयूर (एसओपी) तैयार किया है, जिस पर विशेषज्ञों से सुझाव लिए जा रहे हैं।
डॉ प्रदीप भट्टाचार्य ने कहा कि राज्य में क्रिटिकल केयर नेटवर्क को मज़बूत बनाने के लिए तैयार एसओपी ड्राफ्ट के तहत अगले दो-तीन वर्षों में झारखंड को देश का मॉडल स्टेट बनाया जा सकता है। स्वास्थ्य सेवाओं के निदेश प्रमुख सिद्धार्थ सान्याल ने कहा कि एक समान आइसीयू एकमिशिंग एंड डिस्चार्ज प्रोटोकॉल बनाना जरूरी है। ताकि हर अस्पताल में मरीजों की देखभाल का एक मानक तय हो सके।
इस अवसर पर अभियान शशि प्रकाश झा, विद्यानंद शर्मा पंकज, सिद्धार्थ सान्याल, डॉ प्रदीप भट्टाचार्य, एम्स भोपाल के डॉ सौरभ सैगल, डॉ सौरभ सैगल, डॉ बिक्रम गुप्ता, डॉ संजीव कुमार, डॉ एसके सिंह सहित राज्य के सभी सिविल सर्जन और निजी अस्पतालों के 250 से अधिक प्रतिनिधि मौजूद थे।
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(Udaipur Kiran) / Manoj Kumar