
नैनीताल, 2 अगस्त (Udaipur Kiran News) । प्रदेश में पंचायत चुनाव निपटते ही एक नया विवाद शुरू होता नजर आ रहा है। प्रदेशभर में शिक्षकों को आगामी विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया के लिए बीएलओ ड्यूटी में लगाए जाने के आदेशों से शिक्षा विभाग में हलचल मच गई है। इसको लेकर उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ मुखर हो गया है। संघ के प्रांतीय पदाधिकारी मनोज तिवारी ने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र भेजकर शिक्षकों को बीएलओ ड्यूटी से मुक्त रखने की मांग की है। साथ ही उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री से भी इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने की अपील की है।
तिवारी ने कहा है कि शिक्षा अधिकार अधिनियम के अंतर्गत शिक्षकों को गैर शैक्षणिक दायित्वों से मुक्त रखने के स्पष्ट प्रावधानों के अनुरूप राज्य सरकार द्वारा पूर्व में शासनादेश जारी किया जा चुका है। इसके बावजूद शिक्षकों को मतदाता सूची कार्यों में लगाए जाना हजारों विद्यार्थियों के भविष्य के साथ अनुचित हस्तक्षेप है।
संघ का कहना है कि यदि बीएलओ ड्यूटी के लिए प्रधानाचार्यों, प्रधानाध्यापकों अथवा प्रभारी प्रधानाध्यापकों को विद्यालयों से हटाया गया, तो सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार संचालित मध्यान्ह भोजन योजना भी प्रभावित होगी, जो न्यायालय की अवमानना मानी जाएगी। प्रांतीय तदर्थ समिति सदस्य मनोज तिवारी ने स्पष्ट किया कि शासनादेशों की अनदेखी से प्रदेश की संपूर्ण शैक्षिक व्यवस्था चरमरा सकती है, अतः शिक्षकों को अविलंब इस दायित्व से पृथक किया जाए।
(Udaipur Kiran) / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी
