धर्मशाला, 18 सितंबर (Udaipur Kiran) । पेंशनर्स की मांगों को लटकाने के विरोध में हिमाचल प्रदेश पेंशनर्स संयुक्त संघर्ष समिति ने सुक्खू सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का मन बना लिया है। समिति ने दो टूक कहा कि अगर एक माह के भीतर पेंशनर्स की मांगों को पूरा नही किया गया तो पेंशनर्स सड़कों पर उतरकर सरकार का विरोध करेंगे।
संघर्ष समिति के चेयरमैन सुरेश ठाकुर, महासचिव इन्द्र पाल शर्मा और अतिरिक्त महासचिव भूप राम वर्मा ने वीरवार को जारी एक संयुक्त बयान में कहा कि प्रदेश सरकार पेंशनरों की मांगों को पूरा करने में पूरी तरह असफल रही है और उसका नकारात्मक रवैया अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षों से पेंशनरों की करोड़ों रुपये की बकाया राशि लंबित है, जबकि सरकार हर बार वित्तीय संकट का बहाना बनाकर पेंशनरों को भ्रमित कर रही है। वहीं दूसरी ओर विधायकों व मंत्रियों की पेंशन एवं सुविधाओं में लगातार बढ़ोतरी की जा रही है। समिति ने सरकार को एक माह का नोटिस जारी किया है और चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो 17 अक्तूबर 2025 को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में रैलियां और धरना-प्रदर्शन किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि पेंशनर्स की मुख्य मांगों में छठे वेतन आयोग की बकाया राशि, मंहगाई भत्ता-राहत की किस्तें, चिकित्सा भत्ता भुगतान, परिवहन निगम एवं विद्युत बोर्ड पेंशनरों का निपटान और पुलिस पेंशनरों को सेना की तर्ज पर सुविधाएं शामिल हैं। समिति ने स्पष्ट किया है कि यदि सरकार ने समय रहते कोई निर्णय नहीं लिया तो आंदोलन चरणबद्ध तरीके से दीपावली के बाद और भी तेज किया जाएगा, जिसके लिए कार्ययोजना पहले ही तय की जा चुकी है।
(Udaipur Kiran) / सतेंद्र धलारिया
