
जयपुर, 21 नवंबर (Udaipur Kiran) । राजस्थान पुलिस अकादमी में शुक्रवार का दिन पुलिसिंग की दृष्टि से बड़ा महत्वपूर्ण रहा। यहां पर पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार शर्मा के निर्देशन में ‘उत्कृष्टता के साथ पुलिसिंग-आगे की राह’ विषय पर राज्य स्तरीय पुलिस सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन से ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड पर राजस्थान के 600 पुलिस अधिकारी जुड़े और आधुनिक चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरे दिन तकनीकी नवाचारों, सामाजिक सुरक्षा और यातायात प्रबंधन के महत्वपूर्ण पहलुओं पर मंथन किया।
भव्य आगाज
राज्य स्तरीय पुलिस सम्मेलन 2025 के उदघाटन सत्र के मुख्य अतिथि पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण एवं यातायात अनिल पालीवाल रहे। सत्र के प्रारम्भ में पुलिस महानिदेशक,पुलिस महानिरीक्षक सम्मेलन की ऐतिहासिक पृष्ठ भूमि व उसके मुख्य मुद्दों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। तत्पश्चात निदेशक राजस्थान पुलिस अकादमी संजीव कुमार नार्जारी द्वारा सम्मेलन का परिचय व अतिथियों का स्वागत कर उदबोधित किया।
पुलिस महानिदेशक एसीबी गोविन्द गुप्ता ने अपने उद्बोधन में कहा कि पुलिस के प्रत्येक व्यक्ति को बदलते परिप्रेक्ष्य के अनुसार दक्ष होने की आवश्यकता है और पुलिस नवाचारों के लिए सदैव कार्य करे व कुशलता बढाये। आज पुलिस में डाटा बेस कन्फमेशन की सख्त आवश्यकता है।
पुलिस महानिदेशक एवं कमांडेंट जनरल गृह रक्षा मालिनी अग्रवाल ने कहा कि सम्मेलन में एक साथ चर्चा होने पर विषय वस्तु में हम अद्यतन होते हैं। तकनीक का सहारा ले रहे अपराधियों का सामना करने के लिए पुलिस भी अपडेट हो चुकी है तथापि क्षेत्र अनुसार अलग -अलग कान्फ्रेन्स की जाकर रणनीति बनाई जानी चाहिए।
इस सम्मेलन के मुख्य अतिथि पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण एवं यातायात अनिल पालीवाल ने अपने उद्बोधन में सम्मेलन की विषय वस्तु की विशेषताओं और अपराध के वर्तमान परिदृश्य पर प्रकाश डालते हुये श्रीमद्भागवत गीता के उद्दरण इच्छति – जानति – करोति की महता पर बल दिया व नये व पुराने तरीकों को समायोजित करते हुये तकनीकों एवं मानवीय पहलुओं में सामंजस्य रखते हुये नये आपराधिक कानूनों के महत्वपूर्ण प्रावधानों, विशेष रूप से संपत्ति संबंधी एवं जालसाजी अपराधों के विशेष प्रावधानों, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, (एआई), चैट जीपीटी, डीप फेक एंड इंटरनेट ऑफ थिंग्स विकनेस, ऑपरच्यूनिटी एवं थ्रेट के विषय के रूप में जानकारी साझा करना, महिलाओं, बच्चों और समाज के कमजोर वर्गों के विरुद्ध अपराधों, प्रतिक्रिया तंत्र को मजबूत करने, मामलों की प्रभावी जांच और समय पर न्याय सुनिश्चित करने व सड़क सुरक्षा और यातायात प्रबन्धन तथा मृत्यु दर कम करने की रणनीति के तहत पुलिसिंग करने पर बल दिया।
उदघाटन सत्र के अन्त में आरपीए के अतिरिक्त निदेशक शंकरदत्त शर्मा ने सम्मेलन में पधारे व ऑनलाईन माध्यम से जुडे अधिकारियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। सम्मेलन का संचालन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आरपीए डॉ.अनुकृति उज्जैनिया द्वारा किया गया।
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(Udaipur Kiran)